Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 08:48 PM
ट्रैफिक पुलिस द्वारा इम्पाऊंड किए गए आटो को कोर्ट से रिलीज करवाने गया आटो चालक खुद जेल पहुंच गया। दरअसल आटो चालक ने जो लाइसेंस अदालत में पेश किया वह फर्जी निकला।
चंडीगढ़ (संदीप): ट्रैफिक पुलिस द्वारा इम्पाऊंड किए गए आटो को कोर्ट से रिलीज करवाने गया आटो चालक खुद जेल पहुंच गया। दरअसल आटो चालक ने जो लाइसेंस अदालत में पेश किया वह फर्जी निकला। आरोपी का ड्राइविंग लाइसेंस यू.पी. का था। जांच के बाद पाया गया कि उसका लाइसेंस असली नहीं बल्कि नकली है। फर्जी लाइसैंस जमा करवाने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान सैक्टर 52 के रहने वाले बलविंदर के तौर पर हुई है। पुलिस ने आरोपी के एक दिन के रिमांड के दौरान उस व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया, जिसने उसका यह फर्जी लाइसैंस बनवाया था। उसकी पहचान सैक्टर-52 के ही रहने वाले राममिलन के तौर पर हुई है। पुलिस ने दोनों को शुक्रवार को जिला अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इम्पाऊंड आटो रिलीज करवाने के लिए जमा करवाया था फर्जी लाइसैंस...
फरवरी महीने में पुलिस ने ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर आटो चालक बलविंदर का आटो इम्पाऊंड कर लिया था। आटो को रिलीज करवाने के लिए बलविंदर जिला अदालत पहुंचा और उसने प्रक्रिया के तहत अपना लाइसैंस अदालत में जमा करवाया था। इस पर अदालत ने उसके लाइसैंस को 3 माह के लिए सस्पैंड करते हुए इसकी जांच करने के लिए डी.एस.पी. ट्रैफिक के पास भेजते हुए इसे यू.पी. स्थित सुल्तानपुर लाइसैंस अथॉरिटी के पास भेजा था लेकिन जांच करवाए जाने पर सुल्तानपुर लाइसैंसिंग अथॉरिटी ने जवाब दिया कि इस नाम और पते का कोई भी लाइसैंस उनके द्वारा जारी ही नहीं किया गया है। इसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर डी.एस.पी. ट्रैफिक द्वारा जिला अदालत को भेजी गई। इस पर अदालत ने संबंधित पुलिस को इस विषय में मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। पुलिस ने बलविंदर को गिरफ्तार कर लिया। सैक्टर-36 थाना प्रभारी नसीब सिंह ने बताया कि 1 दिन का रिमांड के दौरान पुलिस ने लाइसैंस तैयार करवाने वाले राममिलन को भी काबू कर लिया।