PGI बायोकैमिस्ट्री विभाग में लगी नई मशीन, 100 रुपए में हो रहा टैस्ट

Edited By ,Updated: 23 Oct, 2016 11:20 AM

pgi engaged in the department of biochemistry of the new machine

इंसान के शरीर में दो तरह के तत्व होते हैं जिसमें एक हमारे लिए जरूरी तो दूसरे में सीसा, पारा और आर्सेनिक जैसे हैवी मैटल्स होते हैं जो किसी तरह इंसान के शरीर में जाकर रक्त में शामिल हो जाते हैं और स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकते हैं।

चंडीगढ(रवि) : इंसान के शरीर में दो तरह के तत्व होते हैं जिसमें एक हमारे लिए जरूरी तो दूसरे में  सीसा, पारा और आर्सेनिक जैसे हैवी मैटल्स होते हैं जो किसी तरह इंसान के शरीर में जाकर रक्त में शामिल हो जाते हैं और स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकते हैं। यह कहना है पी.जी.आई. के बॉयोकैमिस्ट्री विभाग के डाक्टर राजेंद्र प्रसाद का। साथ ही उन्होंने बताया कि पी.जी.आई. में हाल ही में इंसानी शरीर में ऐसे मैटल्स को चैक करने के लिए एटोमिक एब्सॉर्बप्शन स्पैक्ट्रोफोटोमीट्री नामक मशीन लगाई गई है, जिसकी मदद से ह्यूमन बॉडी में घातक हैवी मैटल्स की मात्रा पता लगाना आसान हो गया है। बॉयोकैमिस्ट्री विभाग में करीब 45 लाख की लागत से यह मशीन लगाई गई है। मशीन लगने से मरीजों का काफी फायदा हो रहा है। इस टेस्ट के लिए प्राइवेट अस्पताल 1 हजार से 1500 रुपए तक चार्ज करते हैं जबकि पी.जी.आई. में केवल 100 रुपए में यह सुविधा दी जा रही है। साथ ही मशीन द्वारा सैंपल चैक करने की कैपेसिटी भी काफी ज्यादा है। 


मैटल कैसे आता है शरीर में : 
प्रिटिंग प्रैस में काम करने वाले लोगों के शरीर में सीसा पाए जाने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसकी वजह से शरीर में जहर फैलता है। डाक्टरों की मानें तो इससे दिमाग को काफी नुक्सान होता है। वहीं बल्ड प्रैशर चैक करने वाले व्यक्ति के शरीर में पारे की मात्रा बढ़ जाती है और मरकरी लाइट लगाने का काम करने में भी इसी मैटल की मात्रा पाए जाने के चांसिस ज्यादा होते हैं। पंजाब के कई इलाकों के पानी में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा है, जिसकी वजह से उनके ब्लड में मैटल्स मिल जाता है। अफीम खाने वाले लोगों के रक्त में भी आर्सेनिक की मात्रा पाई जाती है। 

दूसरे राज्यों के सैंपल भी होंगे चैक :
इस मशीन की सुविधा से कई राज्यों के मरीजों को फायदा होगा, जिनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और चंडीगढ़ शामिल हैं। इसके अलावा पानी के सैंपल भी यहां चैक किए जाएंगे कि पानी में कौन से मैटल्स की मात्रा अधिक है जो शरीर के लिए खतरनाक है।  

दो तरह के तत्व होते हैं शरीर में :
डा. राजेंद्र प्रसाद की माने तो इंसानी शरीर में दो तरह के तत्व होते हैं एक जो शरीर के लिए जरूरी है जैसे जिंक, कॉपर आदि लेकिन इनकी मात्रा भी शरीर में एक सीमा तक ही होनी चाहिए। वहीं शरीर में मौजूद भारी धातुएं जैसे आर्सेनिक और सीसा आदि। इसलिए इनकी समय समय पर जांच जरूरी है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस मशीन द्वारा मरीजों को टैस्ट की सुविधा 100 रुपए में मिलेगी जोकि बाहर काफी महंगी है। 


 

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