Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Oct, 2017 10:07 AM
शहर में अधिकांश कमर्शियल प्रॉपर्टीज पर मौजूदा और पूर्व आई.ए.एस., आई.पी.एस., पी.सी.एस. व एच.सी.एस. अफसरों और नेताओं का कब्जा है। किसी ने प्रॉपर्टी खरीद ली है तो कोई किसी के साथ पार्टनर बनकर बैठा है और किराए के रूप में हर महीने लाखों रुपए की कमाई हो...
चंडीगढ़(नीरज) : शहर में अधिकांश कमर्शियल प्रॉपर्टीज पर मौजूदा और पूर्व आई.ए.एस., आई.पी.एस., पी.सी.एस. व एच.सी.एस. अफसरों और नेताओं का कब्जा है। किसी ने प्रॉपर्टी खरीद ली है तो कोई किसी के साथ पार्टनर बनकर बैठा है और किराए के रूप में हर महीने लाखों रुपए की कमाई हो रही है। कमर्शियल प्रॉपर्टीज की खरीद में सबसे ज्यादा एन.आर.आईज का सहारा लिया गया है। प्रॉपर्टी के मामले में बड़ी तेजी से महंगाई की ओर बढ़े इस शहर में कमर्शियल प्रॉपर्टी हथियाने की कवायद से कई पुराने कारोबारी जमीन पर आ चुके हैं और कइयों के मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
शहर के व्यापारियों का सबसे बड़ा संगठन चंडीगढ़ व्यापार मंडल इस मामले में चंडीगढ़ प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा कर रहा है। देश के जाने-माने वकील राम जेठमलानी भी इस मामले पर हतप्रभ हैं। उन्होंने ऐसी तमाम कमर्शियल प्रॉपर्टीज की डिटेल मांगी है, ताकि अदालत में ऐसे अफसरों और नेताओं को चुनौती दी जा सके, जिन्होंने एन.आर.आईज के साथ मिलकर चंडीगढ़ की कमर्शियल प्रॉपर्टीज पर कब्जा जमाया है।
एन.आर.आई. को राहत ने बढ़ाई आफत :
शहर में अधिकांश व्यापारी किराए के शोरूम और दुकानों में अपना कारोबार कर रहे हैं। बहुत कम व्यापारी ऐसे हैं, जिनका अपना शोरूम या दुकान है। इनमें ज्यादातर कमर्शियल प्रॉपर्टीज एन.आर.आईज की हैं। विदेशों में बैठे कई लोगों ने यहां कमर्शियल प्रॉपर्टीज में निवेश किया हुआ है। कई ऐसे हैं, जो यहां कमर्शियल प्रॉपर्टीज खरीदने के बाद विदेश में जाकर बस गए। इन लोगों ने अपनी प्रॉपर्टी स्थानीय कारोबारियों को किराये पर दे दी थीं।
कुछ प्रॉपर्टीज खाली कराने को लेकर विवादों की स्थिति सामने आई तो करीब 14 साल पहले चंडीगढ़ प्रशासन ने एक ऐसा रैंट एक्ट नोटीफिकेशन जारी कर दिया, जिससे व्यापारियों की नींद उड़ गई। इसमें कमर्शियल प्रॉपर्टी को खाली कराने को लेकर किराएदारों का पक्ष कमजोर हो गया था। चंडीगढ़ व्यापार मंडल समेत कई व्यापारियों ने व्यक्तिगत तौर पर भी इस नोटीफिकेशन को कोर्ट में चुनौती दी। अंतत: अदालत ने इस नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से एन.आर.आईज की प्रॉपर्टी के मामले में नए रूल्स बनाकर खड़े कर दिए।
23 हजार कमर्शियल प्रॉपर्टीज :
चंडीगढ़ नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार अभी शहर में 23 हजार कमर्शियल प्रॉपर्टीज हैं। अगले साल तक शहर की रैजीडैंशियल, इंडस्ट्रियल और कमर्शियल प्रॉपर्टीज का रिकार्ड ऑनलाइन कर देने की योजना है। शहर में कितनी रैजीडैंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल यूनिट हैं, उनका एरिया कितना है तथा उनमें कंसट्रक्ट कितना एरिया है, इसकी डिटेल तैयार करने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम ने नोएडा की एक कंपनी को कंसल्टैंसी का टैंडर करीब एक करोड़ में अलॉट किया है।