Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 02:39 PM
ब्रिटेन में एक डॉक्टर थे रॉजर बैनिस्टर। उन्हें जब भी समय मिलता, दौड़ने के अभ्यास करने में जुट जाते। दिलचस्प बात यह थी कि उन दिनों तक कोई भी तेज धावक
ब्रिटेन में एक डॉक्टर थे रॉजर बैनिस्टर। उन्हें जब भी समय मिलता, दौड़ने के अभ्यास करने में जुट जाते। दिलचस्प बात यह थी कि उन दिनों तक कोई भी तेज धावक एक मील की दौड़ 4 मिनट से कम समय में पूरी नहीं कर पाया था। यह बात जब रॉजर ने अपने दोस्त से सुनी तो उन्होंने कहा कि कोशिश करते रहने से यह सब कुछ संभव है। जब यह बात चली तो वहां एक अन्य डॉक्टर भी मौजूद थे। वह बोले, ‘‘मि. रॉजर, इंसान के फेफड़ों में इतनी शक्ति नहीं है कि वह बहुत तेजी से दौड़ सके।’’
तब रॉजर ने कहा, ‘‘मैं एक मील की दौड़ 4 मिनट से कम समय में पूरी करके दिखाऊंगा, बस आप मुझे कुछ समय दीजिए।’’ इसके बाद रॉजर और उनका मित्र डॉक्टर दोनों ही इस बात का बेसब्री से इंतजार करने लगे कि देखें किसकी बात सच साबित होती है। रॉजर ने दिन-रात अभ्यास करना शुरू कर दिया। और वह दिन आ ही गया जब रॉजर को अपने कहे शब्दों को सही साबित करना था। इतिहास रचने में कुछ समय ही बाकी था। दौड़ शुरू हुई। रॉजर ने एक मील की दौड़ 3 मिनट 59.4 सैकेंड में पूरी कर डाली।
जहां रॉजर के विरोधी उनकी तरफ हिकारत भरी नजरों से देख रहे थे तो वहीं उनके प्रशंसक रॉजर को गले लगाने के लिए बेताब थे। रॉजर ने ऐसा कारनामा कर दिखाया था जिसके बारे में लोग सोच भी नहीं सकते थे। यह सब कुछ रॉजर के नियमित अभ्यास और सच्ची लगन के जरिए ही संभव हुआ। तात्पर्य यह कि यदि इंसान ठान ले कि मुझे अपना लक्ष्य हासिल करना है तो उसे कोई नहीं रोक सकता। बशर्ते उसे अपने प्रति ईमानदारी, सच्ची लगन और नियमित अभ्यास चाहिए। यदि कोई भी इंसान ऐसा करता है तो उसके लिए असंभव एक शब्द ही रह जाएगा।