Edited By ,Updated: 04 Dec, 2016 12:52 PM
हिंदू धर्म में कई शकुन-अपशकुन माने जाते हैं। ऐसे ही कुछ शकुन-अपशकुन जीव-जंतुओं से भी जुड़े होते हैं। पशुओं की छठी इंद्री काफी विकसित होने के कारण
हिंदू धर्म में कई शकुन-अपशकुन माने जाते हैं। ऐसे ही कुछ शकुन-अपशकुन जीव-जंतुओं से भी जुड़े होते हैं। पशुओं की छठी इंद्री काफी विकसित होने के कारण उन्हें भविष्य में होने वाली घटनाअों का आभास हो जाता है। कुत्ता भी एक ऐसा प्राणी है, जिसे भविष्य में होने वाली बुरी घटनाअों का पता चल जाता है। कुत्तों की हरकतों पर ध्यान रखकर अशुभ घटनाअों के बारे में जानकर व्यक्ति संभलकर भविष्य में घटित होने वाली अनहोनी से बच सकते हैं।
* घर के सामने कुत्ते इकट्ठे होकर बैठे हैं तो ये शुभ संकेत नहीं है। इससे घर में कलह या बड़ी परेशानी आ सकती है।
* शुभ काम में जाते समय सामने से कुत्ता आकर कान फड़फड़ाए तो ये इस बात का संकेत है कि कार्य में परेशानी आएगी अौर कष्टों का सामना करना पड़ेगा।
* दोपहर के समय कुत्ता आसमान को देखर भौंकना शुरु करे तो ये सूखा या प्राकृतिक आपदा का सूचक होता है।
* किसी शुभ कार्य में जाते समय यदि कुत्ता सामने से आकर जमीन पर लोटना शुरु करे तो इसका अर्थ है कि रास्ते में कष्ट मिल सकते हैं। इसलिए ध्यान रखना चाहिए।
* घर से कुत्ता जूते-चप्पल चुराकर भाग जाए तो ये आर्थिक नुक्सान का संकेत है। कही यात्रा की योजना बनाई हो तो उसे भी टाल देना ठीक होता है।
* कुत्ते का घर के द्वार पर आकर रोना अशुभ होता है। इससे घर में किसी अनहोनी होने की आशंका रहती है।
* घर के पास कुत्ते आपस में लड़ रहे हों तो ये किसी विवाद में उलझने का संकेत है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को संयम से काम लेना चाहिए।