Edited By ,Updated: 23 Mar, 2017 10:51 AM
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जाने एवं अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाली है।
चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी जाने एवं अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाली है। इसी कारण इस एकादशी को पापविमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस बार यह एकादशी व्रत 24 मार्च को होगा। सभी प्रकार के अनिष्ट पापों का नाश करने और सुखों को देने वाली यह एकादशी पाप विमोचिनी एकादशी भी कहलाती है।
अमित चड्ढा के अनुसार एकादशी तिथि भगवान को अतिप्रिय है, इसलिए इस दिन किए गए व्रत एवं संकीर्तन से प्रभु बहुत जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैं। उन्होंने कहा कि व्रत करने के पश्चात उसका पारण भी निश्चित समय और विधि के अनुसार ही करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि व्रत का पारण 25 मार्च को प्रात: 9.43 से पहले किया जाना चाहिए। श्रीमद् भागवत पुराण के नवें स्कंध में वर्णित परम भक्त अम्बरीष महाराज जी की कथा में लिखा है कि यदि एकादशी व्रत का पारण ठीक समय पर न किया जाए तो व्रत वैगुण्य दोष लगता है। इस दोष से बचने के लिए व्रत का पारण समय पर करना जरूरी है।
वीना जोशी
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