इन्वैस्टमैंट मैनेजमैंट : उज्ज्वल भविष्य की राह

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Oct, 2017 02:51 PM

investment management  the road to the bright future

आज के समय में युवा अपने करियर को लेकर बहुत सजग हो गए है,क्योंकि अब करियर के बहुत...

नई दिल्ली : आज के समय में युवा अपने करियर को लेकर बहुत सजग हो गए है। क्योंकि अब करियर के बहुत सारे विकल्प खुल गए है। युवा अपनी मर्जी से किसी से फील्ड में करियर बना सकते है। उनके पास डॉक्टर , इंजीनियर, सीए बनने के इलावा भी कई सारे करियर विकल्प मौजूद है। एेसा ही एक विकल्प है इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट। अहर आपको शेयर मार्केट में रुचि है तो आपके लिए यह बेहतर करियर बन सकता है। आइए जानते है कि कैसे आप इसमें करियर बना सकते है। 

कार्यक्षेत्र
निवेश प्रबंधन के तहत निवेशकों के मुनाफे को सुनिश्चित बनाया जाता है। इसके लिए निवेश के तय किए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रतिभूतियों (शेयर, बांड) और अचल संपत्ति आदि का उपयुक्त ढंग से प्रबंधन किया जाता है। निवेशक विभिन्न वित्तीय संस्थानों जैसे बीमा कंपनियों, पैंशन फंड, कॉर्पोरेशन आदि या निजी निवेशकों (आमतौर पर धनाढ्य व्यक्तियों) के रूप में भी हो सकते हैं। निजी निवेशकों की ओर से सलाहकार या निवेश प्रबंधन में विशेषज्ञता प्राप्त निवेश प्रबंधक धन प्रबंधन या पोर्टफोलियो प्रबंधन के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं। इन सेवाओं में वित्तीय विवरण विश्लेषण, परिसम्पत्ति चयन, स्टॉक चयन, योजना कार्यान्वयन और चालू निवेश निगरानी जैसे तत्व शामिल हो सकते हैं। निवेश प्रबंधन अपने आप में एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण वैश्विक उद्योग है, जिस पर अरबों-खरबों रुपयों की रखवाली की जिम्मेदारी होती है। 

रोजगार की सम्भावनाएं
निवेश प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाले युवाओं के पास सबसे पहले तो स्टॉक मार्कीट में रोजगार संभावनाएं हैं। यहां उनका काम वित्तीय परिसम्पत्तियों जैसे शेयर, डिबैंचर, बांड, म्यूचुअल फंड्स आदि के लेन-देन में सहायता करना होता है। यहां वे बतौर स्टॉक ब्रोकर, इन्वैस्टमैंट एनालिस्ट्स, ट्रेडर जैसे विभिन्न कार्य कर सकते हैं। 

स्टॉक मार्कीट में जिन प्रमुख पदों पर वे कार्य कर सकते हैं वे इस प्रकार हैं- 
फंडामैंटल एनालिस्ट्स, टैक्रिकल एनालिस्ट्स, स्टॉक ब्रोकर, सिक्योरिटीज ब्रोकर, सिक्योरिटीज सेल्स रिप्रैजैंटेटिव्स, सिक्योरिटीज ट्रेडर, सिक्योरिटीज एनालिस्ट्स,  इन्वैस्टमैंट एनालिस्ट्स, इक्विटी एनालिस्ट्स। म्यूचुअल फंड सैक्टर में भी उनके पास रोजगार संभावनाओं की कमी नहीं हैं। यहां वे जिन प्रमुख पदों पर कार्य कर सकते हैं वे इस प्रकार हैं। फंड मैनेजर, डिस्ट्रीब्यूटर, लीड मैनेजर, डीलर। स्टॉक मार्कीट के ऑप्रेशन्स संबंधी रोजगार विकल्पों की बात करें, तो यहां निवेश प्रबंधन के विशेषज्ञों निम्न समूहों में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं । फंड अकाऊंटिंग ग्रुप, कस्टडी ग्रुप, फाइनांशियल कंट्रोल ग्रुप तथा एम.आई.एस. एंड ऑडिट ग्रुप। इसके अलावा वे रजिस्ट्रार तथा ट्रांसफर एजैंट भी बन सकते हैं। 

रैगुलेटरी बॉडीज में भी उनके पास रोजगार विकल्पों की कमी नहीं है। ये संस्थान वित्तीय मामलों तथा स्टॉक एक्सचेंज के कामकाज की निगरानी करते हैं ताकि निवेशकों से धोखाधड़ी न हो सके। इनमें कार्य करने वालों को वित्तीय लेन-देन से जुड़े नियमों तथा कानूनों के संबंध में भी गहन ज्ञान होना चाहिए। इन संस्थाओं को फाइनांस, अकाऊंटिंग, ऑडिटिंग, इन्वैस्टमैंट, क्रैडिट रेटिंग, कंसल्टैंसी, म्यूचुअल फंड्स, विधि, डेरिवेटिव्स आदि में विशेषज्ञता रखने वाले युवाओं की अक्सर जरूरत रहती है। डिपॉजिटरीज में भी इनके पास रोजगार के अवसर हैं। डिपॉजिटरीज का काम रिकॉर्ड रखना, रिकॉर्ड को सम्भालने, प्रमाणन तथा फाइनांशियल सिक्योरिटीज की पेपरलैस ट्रेङ्क्षडग में सहायता करना होता है। वे डीमैट अकाऊंट्स से जुड़ी सेवाएं भी प्रदान करते हैं। इनमें सी.ए., सी.एस., एम.बी.ए. आदि डिग्रीधारी युवाओं की मांग होती है। रिसर्च एवं कंसल्टैंसी के फील्ड में भी काम की कमी नहीं है। इक्विटी रिसर्चर्स तथा कंसल्टैंट्स को विभिन्न संस्थान नियुक्त करते हैं। 

योग्यता
निवेश प्रबंधन के फील्ड में करियर बनाने के लिए इन शैक्षिक योग्यताओं तथा कौशल की आवश्यकता पड़ेगी: 
इन्वैस्टमैंट मैनेजमैंट/स्टॉक मार्कीट ऑप्रेशन्स में डिग्री/डिप्लोमा/कोर्स।
फाइनांस, बिजनैस, मैथ्स, अकाऊंटिंग, इकोनॉमिक्स, कम्प्यूटर्स का ज्ञान। 
विश्लेषणात्मक क्षमता तथा अच्छी कम्युनिकेशन्स स्किल्स। 
इन्वैस्टमैंट मार्कीट के प्रति रुचि, लगाव तथा सूझ-बूझ। 
वित्तीय संस्थानों, कराधान, वित्तीय योजनाबंदी, पूंजी बाजार का ज्ञान। 
गहन विश्लेषण के आधार पर निर्णय लेने की रचनात्मक समझ व दक्षता। 
वित्तीय बाजार के बदलावों के प्रति खुद को जागरूक रखने तथा नई चीजें सीखने की ललक।

कोर्स तथा संस्थान
एम.बी.ए. / पी.जी.डी.एम. / पी.जी.डी.बी.ए. जैसे कोर्स इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमैंट तथा विभिन्न केंद्रीय तथा राज्य विश्वविद्यालयों से किए जा सकते हैं।  इन कोर्सेज की अवधि आमतौर पर 2 वर्षीय है, जबकि इनके लिए ग्रैजुएशन में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होना आवश्यक है। साथ ही कैट/मैट अथवा विश्वविद्यालयों द्वारा ली जाने वाली प्रवेश परीक्षाओं को पास करना भी जरूरी होता है। स्टॉक मार्कीट ऑप्रेशन्स, सर्विलांस, डीलर्स, डेरिवेटिव्स, इन्वैस्टमैंट एनालिसिस तथा पोर्टफोलियो मैनेजमैंट से जुड़े कोर्स तथा एन.सी.एफ.एम. मॉड्यूल्स आदि नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया, मुम्बई से कर सकते हैं। इनकी अवधि कोर्स पर निर्भर करते हुए अलग-अलग हो सकती है।

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