Edited By ,Updated: 28 Feb, 2015 08:00 PM
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय आम बजट आम जनता की अपेक्षाआें और आशाआें को पूरी तरह दरकिनार करके इसे कार्पोरेट घरानों को खुश करने के लिए बनाया गया है।
शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय आम बजट आम जनता की अपेक्षाआें और आशाआें को पूरी तरह दरकिनार करके इसे कार्पोरेट घरानों को खुश करने के लिए बनाया गया है। बजट से कार्पोरेट घराने को 8000 करोड़ रुपए के लाभ दिए गए हैं। निराश और हताश करने वाला यह बजट केवल हवाई वायदों से भरा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में 22 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त कर लगाए जाने से आम जनता पर भारी बोझ पडेग़ा। सेवा कर को 12$ 36 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने से रोजमर्रा की वस्तुआें के दाम बढे़ंगे जिससे सीधे तौर पर आम जनता प्रभावित होगी। इसके अतिरिक्त, शिक्षा उपकर में वृद्घि से लोगों की जेब पर बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आयकरदाता आयकर स्लैब में बढ़ौतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन बजट में इस आेर कोई ध्यान नहीं दिया गया जिससे मध्यम वर्ग एवं वेतनभोगियों की बचत में कमी आएगी और पारिवारिक वित्तीय बचत प्रभावित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट न तो लोगों की अपेक्षाआें के अनुरूप है और न ही विकासोन्मुखी है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि कुछ कर योग्य सेवाआें पर 2 फीसदी का स्वच्छ भारत उपकर लगाने की बजाय बेहतर होता कि इसके लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान की कार्य योजना बनाई जाती। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के लिए पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोई उल्लेख नहीं है। वीरभद्र सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार का केन्द्रीय प्रायोजित योजनाआें में बड़ी कटौती करने का प्रस्ताव है और बजट के दस्तावेजों के पूर्ण रूप से सामने आने पर हिमाचल प्रदेश पर इसके वास्तविक प्रभाव का पता चल पाएगा।
एम्स व मनरेगा के लिए जताया आभार
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए एम्स की घोषणा करने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया, साथ ही मनरेगा में बजटीय प्रावधान को पहले की तरह रखे जाने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा को पूर्व यूपीए सरकार ने आरंभ किया था जिससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिला।