Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Aug, 2017 02:10 PM
भारत को दो अरब डॉलर की अनुमानित राशि के समुद्र की निगरानी करने वाले 22 गार्डियन ड्रोन बेचने के अमरीका के फैसले से उसके देश में करीब...
वाशिंगटन: भारत को दो अरब डॉलर की अनुमानित राशि के समुद्र की निगरानी करने वाले 22 गार्डियन ड्रोन बेचने के अमरीका के फैसले से उसके देश में करीब 2,000 नौकरियां पैदा होंगी और द्विपक्षीय संबंध ‘‘मजबूत’’ होंगे। इस सौदे में शामिल एक अमरीकी कार्यकारी ने यह बात कही।
मजबूत होंगे भारत-अमरीका के संबंध
अमरीका एंव अंतर्राष्ट्रीय सामरिक विकास, जनरल एटॉमिक्स के मुख्य कार्यकारी विवेक लाल ने कल अमरीका के विचारक समूह अटलांटिक काउंसिल से कहा, ‘‘इसे अमरीका-भारत द्विपक्षीय रक्षा संबंध को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जाना चाहिए।’’
ट्रंप ने की थी घोषणा
लाल ने सीनेट इंडिया कॉकस के सह अध्यक्ष सीनेटर जॉन कोर्निन की बात दोहराई जिन्होंने ट्वीट कर कहा,‘‘ड्रोन की बिक्री से अमरीका-भारत संबंध मजबूत होंगे।’’ इस सौदे के संबंध में ट्रंप ने जून में घोषणा की थी जब वह व्हाइट हाऊस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे।
लाल ने कहा कि जनरल एटॉमिक्स द्वारा निर्मित ड्रोन की भविष्य में होने वाली खरीद अमरीका द्वारा ऐसे देश को ड्रोन बेचने का पहला मामला है जो नाटो का सदस्य नहीं है। ऐसे समय में जब चीन ने दक्षिण चीन सागर पर अपनी निगाह गड़ा दी है तो लाल ने उम्मीद जताई कि भारत के पास हिंद महासागर में अपने हितों की रक्षा के लिए क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बनाने और उसका नेतृत्व करने का अवसर है। और यह काम वह क्षेत्रीय तथा क्षेत्र से इतर सहयोगियों के साथ समुद्री सहयोग बना कर कर सकता है।हाल में भारत ने इस्राइल से 40 करोड़ डॉलर के 10 उन्नत हेरोन ड्रोन खरीदे थे। इस सौदे के साथ इस्राइल हथियार बेचने में अमरीका का प्रतिस्पर्धी बन गया है।
लाल के अनुसार, भारतीय नौसेना जब समुद्र की निगरानी करने वाले ड्रोन का इस्तेमाल करेगी तो भारत की विश्वसनीय क्षमताएं बढ़ेगी जो समुद्री क्षेत्र में भारत की सुरक्षा के लिए अहम है। उन्होंने कहा,‘‘इसके अलावा भारत इस क्षेत्र में समुद्री डकैती, आतंकवाद, पर्यावरणीय अवक्रमण और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। समुद्री क्षेत्र में जागरूकता से भारतीय नौसेना को हिंद महासागर में गश्ती करने में मदद मिलेगी।’’
एक सवाल के जवाब में लाल ने कहा कि इस बिक्री से अमरीका में सीधे तौर पर कम से कम 2,000 नौकरियां और अप्रत्यक्ष रूप से अनगिनत नौकरियां पैदा होगी या बचाई जा सकेंगी। लाल ने कहा कि भारत को मुख्य रक्षा साझेदार का दर्जा दिए जाने के बाद से यह मुख्य रक्षा सौदा है।