Edited By ,Updated: 15 May, 2016 04:01 PM
भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाई देते हुए उसके साथ परमाणु करार किया है। भारत द्वारा उठाया गया एेसा कदम न सिर्फ भारत...
नई दिल्ली :भारत ने बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाई देते हुए उसके साथ परमाणु करार किया है। भारत द्वारा उठाया गया एेसा कदम न सिर्फ भारत के संबंधों को और मजबूती देगा, बल्कि 21वीं सदी में ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है।अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोनों देश राजनीतिक तौर पर जुड़े हुए हैं,सुरक्षा के मुद्दे पर संवेदनशील हैं और आर्थिक सहयोगी भी हैं।
बांग्लादेश के विज्ञान एवं तकनीक विभाग तथा भारत के विदेश मंत्रालय के बीच हुए इस परमाणु समझौते पर काम पहले से ही चल रहा था।बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना तथा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटाना से बांग्लादेश के लिए 100 मेगावाट के पावर ट्रांसमिशन लाइन का शुभारंभ किया था।अब भारत इसकी क्षमता बढ़ा कर 500 मेगावाट करने जा रहा है।
दरअसल भारत अपने पूर्वोत्तर राज्यों में बांग्लादेश के रास्ते एलपीजी और एलएनजी ट्रांसपोर्ट करना चाहता है। दिल्ली ने इसके लिए ढाका को भी उनकी जरूरत के मुताबिक एलपीजी और एलएनजी देने का प्रस्ताव दिया है।बांग्लादेश में भारत की ओर से पावर प्लांट लगाए जाएंगे। जिसके लिए 4 भारतीय कंपनियों भेल, रिलायंस, शपूरजी-पालोनजी और अडानी ने बोली लगाई है।ये डील बांग्लादेश के लिए बहुत बड़ी और भारत के लिए भी बेहद खास है।