Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 12:27 PM
बृहस्पति ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने नया राज खोला है...
वाशिंगटन: बृहस्पति ग्रह को लेकर वैज्ञानिकों ने नया राज खोला है। अध्ययन से पता चला है कि बृहस्पति सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह तो है ही सौर मंडल का सबसे पुराना ग्रह भी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की उत्पत्ति के महज 40 लाख साल के भीतर ही इस गैस जियांट ग्रह यानि बृहस्पति की उत्पत्ति हो गई थी।
बृहस्पति की उत्पत्ति के बारे में मिली जानकारी से सौर मंडल की संरचना को समझा जा सकता है कि इसका जो वर्तमान स्वरूप है इसका निर्माण कैसे हुआ होगा. हालांकि कई मॉडलों से यह अनुमान लगाया है कि इस ग्रह की उत्पत्ति अपेक्षाकृत जल्दी ही हो गई थी लेकिन अब तक इसके निर्माण के सटीक समय का पता नहीं चल पाया है।
अमरीका स्थित लॉरेंस लिवरमोर नैशनल लैबरेटरी (LLNL) के शोधकर्ता थॉमस क्रुइजर का कहना है कि , 'हमारे पास बृहस्पति ग्रह का कोई वास्तविक नमूना नहीं है (पृथ्वी, मंगल, चंद्रमा और क्षुद्र ग्रह के साथ ही कई अन्य ग्रह के मौजूद वास्तविक चित्र के संदर्भ में)। क्रुइजर का कहना है, 'हमारे अध्ययन में, बृहस्पति ग्रह की उम्र का पता लगाने के लिए हम उल्कापिंडों के आइसोटेप संकेत का इस्तेमाल करते है। '
उन्होंने बताया, 'बृहस्पति हमारे सौर मंडल का सबसे पुराना ग्रह है और सोलर नेबुला गैस के बनने से पहले ही इसके ठोस कोर का निर्माण हो गया था और कोर संवर्धन मॉडल के अनुरूप इस जियांट ग्रह की रचना हुई।' क्रुइजर ने बताया, 'हमारा शोध यह दिखाता है कि उत्पत्ति संबंधी अलग संकेतों और उल्कापिंडों के उत्पत्ति काल के माध्यम से बृहस्पति ग्रह के निर्माण के सटीक अवधि का पता लगाया जा सकता है।'