Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 02:38 PM
सीरिया में पिछले काफी समय से हालात तनावपूर्ण हैं। इसी बीच लाखों जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वीडन और कुवैत ने आज संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव पर मतदान का आह्वान किया...
इंटरनेशनल डेस्क: सीरिया में पिछले काफी समय से हालात तनावपूर्ण हैं। इसी बीच लाखों जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए स्वीडन और कुवैत ने आज संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव पर मतदान का आह्वान किया। इस प्रस्ताव में जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता मुहैया कराने और गंभीर रूप से बीमार व जख्मी लोगों को वहां से ले जाने के लिए पूरे सीरिया में 30 दिनों के लिए संघर्षविराम का निर्देश है।
बुधवार को अपने अंतिम रूप में पेश इस प्रस्ताव में ‘‘अस्वीकार्य स्तर तक बढ़ चुकी हिंसा’’ और सीरिया के कई हिस्सों विशेषकर इदलिब गवर्नरेट एवं विद्रोहियों के गढ़ वाले दमिश्क के उपनगर पूर्वी घौटा में स्थानीय नागरिकों पर हमले को लेकर आक्रोश जाहिर किया गया। अब यह देखना होगा कि रूस इस प्रस्ताव पर अपने वीटो का इस्तेमाल करता है या मतदान की प्रक्रिया से खुद को अलग रखता है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बताया कि सीरियाई सरकार एवं इसके सहयोगियों के चार फरवरी से आक्रामक होने के बाद से पूर्वी घौटा में कम से कम 346 लोग मारे गये हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतेरेस ने इससे पहले पूर्वी घौटा में ‘‘सभी युद्ध गतिविधियों’’ को तत्काल रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि वहां रह रहे 400,000 लोग धरती के नरक में रह रहे हैं।