Edited By ,Updated: 03 Apr, 2017 11:27 AM
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि अगर चीन नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर कोई सख्त कदम नहीं उठाता तो वह अकेले ही एक्शन लेने को तैयार है...
वॉशिंगटनः डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि अगर चीन नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर कोई सख्त कदम नहीं उठाता तो वह अकेले ही एक्शन लेने को तैयार है। ट्रंपने ये बयान उस वक्त दिया है, जब कुछ दिन बाद चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग अमरीका आने वाले हैं। न्यूज एजैंसी के मुताबिक, ट्रंप अगले कुछ दिनों में जिनपिंग अमरीका आने वाले हैं। दोनों नेताओं के बीच फ्लोरिडा के मार-ए-लेगो रिजॉर्ट में कई मुद्दों मसलन नॉर्थ कोरिया और साउथ चाइना सी पर बात हो सकती है।
ट्रंप ने 'फाइनेंशियल टाइम्स' को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि चीन का नॉर्थ कोरिया पर गहरा असर है। अब ये चीन के हाथ में है कि इस मुद्दे पर वो हमारी मदद करता है या नहीं। अगर वो मदद करता है, तो ठीक है। अगर मदद नहीं करता तो ये किसी के लिए अच्छा नहीं होगा।" "अमरीका बिना किसी की मदद के नॉर्थ कोरिया के मसले को हल कर सकता है।"
इस सवाल पर कि वे नॉर्थ कोरिया से कैसे निपटेंगे, ट्रंप ने कहा, "मैं आपको ये कतई नहीं बताऊंगा कि ये कैसे होगा। पिछली सरकारों में बता दिया जाता था कि हम मिडल-ईस्ट पर हमला करने जा रहे हैं।" चीन अपने पड़ोसी देशों को डिप्लोमेटिक और इकोनॉमिक सपोर्ट देने की बात कहता रहा है। हालांकि, उसका दावा है कि नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन सरकार पर उसका असर काफी सीमित है। यूएन में अमरीकी एम्बेसडर निक्की हेली ने कहा था कि नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर एक्शन लेने के लिए अमरीका चीन पर दबाव डाल रहा है।
बता दें कि नॉर्थ के मिसाइल प्रोग्राम पर बैन लगाने के लिए यूएन रेजोल्यूशन भी फेल रहे हैं। तमाम दबावों के बावजूद नॉर्थ कोरिया मिसाइल टेस्ट कर रहा है। यूएस प्रेसिडेंशियल कैम्पेन के दौरान ट्रंप ने चीन पर गलत तरीके से अपना व्यापार बढ़ाने के आरोप लगाए थे और बीजिंग पर करंसी में हेर-फेर करने का आरोप लगाया था। साउथ चाइना सी को लेकर भी दोनों देशों में तल्खी रही है। अमरीका ने कहा था कि वहां किसी एक देश का कब्जा नहीं है। वह एक इंटरनैशनल टेरिटरी है और वहां अंतर्राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा। तब चीन ने कहा था कि साउथ चाइना विवाद से अमरीका का कोई लेना-देना नहीं है।