Edited By ,Updated: 14 Jan, 2017 11:30 AM
भारत एवं अमरीका के अधिकारियों ने सागरों की पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा करने एवं ''नीली अर्थव्यवस्था'' (ब्ल्यू इकोनॉमी) के माध्यम से स्थायी विकास को प्रोत्साहित व मजबूत करने के लिए वार्ता की...
वाशिंगटन: भारत एवं अमरीका के अधिकारियों ने सागरों की पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा करने एवं 'नीली अर्थव्यवस्था' (ब्ल्यू इकोनॉमी) के माध्यम से स्थायी विकास को प्रोत्साहित व मजबूत करने के लिए वार्ता की।
दोनों पक्षों ने शुक्रवार को यहां हुई वार्ता के दौरान नीली अर्थव्यवस्था, मत्स्य सुरक्षा एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों में संयुक्त अन्वेषण समेत स्थाई समुद्री संसाधन प्रबंधन में सहयोग के विस्तृत क्षेत्रों पर वार्ता की। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब तक की पहली अमरीकी भारतीय सागर वार्ता वर्ष 2015 में हुई। पहली भारत-अमरीका सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान सागरों के पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा करने एवं 'नीली अर्थव्यवस्था' के ज़रिए स्थाई विकास को प्रोत्साहित के लिए गए निर्णयों का हिस्सा है।
अमरीका का प्रतिनिधित्व ब्यूरो ऑफ ओशन एंड इंटरनैशनल एनवायरमैंटल एंड साइंटिफिक अफेयर्स के कार्यवाहक सहायक सचिव जूडिथ जी. गार्बर और भारत का प्रतिनिधित्व संयुक्त सचिव मुनु महावर ने किया। विज्ञप्ति के अनुसार, समुद्री सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए अमरीका की ओर से विदेश मंत्रालय, अमरीकी तटरक्षक, नैशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेरिक एजैंसी एवं नैशनल साइंस फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।