Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 10:05 AM
केंद्र की सिविल सेवाओं में वर्ष 1995 से जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रतियोगियों को ऊपरी आयु सीमा में दी जा रही 5 वर्षों की रियायत को एकाएक वापस लेने पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नैकां के कार्यकारी प्रधान उमर अब्दुल्ला ने कड़ी नाराजगी जताई है।
जम्मू : केंद्र की सिविल सेवाओं में वर्ष 1995 से जम्मू-कश्मीर राज्य के प्रतियोगियों को ऊपरी आयु सीमा में दी जा रही 5 वर्षों की रियायत को एकाएक वापस लेने पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नैकां के कार्यकारी प्रधान उमर अब्दुल्ला ने कड़ी नाराजगी जताई है।
आज राज्य विधानसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उमर ने कहा कि युवाओं को प्रोत्साहित करने की बजाय उनके हौसले को पस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले से ही एस.आर.ओ.-202 से परेशान राज्य के युवाओं को ऊपरी आयु सीमा में दी जा रही छूट को निरस्त कर उनके साथ एक और अन्याय किया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रश्न किया कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि वर्ष 1995 से जारी इस रियायत को अचानक वापस ले लिया गया? उन्होंने प्रश्न किया कि केंद्र द्वारा क्या यह निर्णय राज्य सरकार को विश्वास में लेकर लिया गया है अथवा राज्य सरकार ने केंद्र से इस सिलसिले में कोई बात की है?
यदि कोई बात की है तो उसका क्या उत्तर हासिल हुआ है? उमर ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती एवं उप-मुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह से इस मामले को गंभीरता से केंद्र सरकार के समक्ष उठाने का आग्रह किया।