Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 12:03 AM
उत्तराखंड के पुलिस महकमें में इन दिनों महाव्रत (अघोषित विरोध) नाम से सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें वेतन विसंगति और तमाम तरह की मांग शामिल हैं। लेकिन शनिवार को देहरादून में पुलिस के अालाधिकारियों ने महाव्रत के प्रभाव भापने के लिए दवात...
देहरादूनः उत्तराखंड के पुलिस महकमें में इन दिनों महाव्रत (अघोषित विरोध) नाम से सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें वेतन विसंगति और तमाम तरह की मांग शामिल हैं। लेकिन शनिवार को देहरादून में पुलिस के अालाधिकारियों ने महाव्रत के प्रभाव भापने के लिए दवात का आयोजन किया। जहां महाव्रत बेअसर रहा है लेकिन पुलिस लाइन, थानों और चौकियों की मैस पर इसका खासा असर जरूर नजर आया। अधिकारियों की इस कवायद के पीछे यह संदेश देने की कोशिश कि यहां सब कुछ सामान्य है।
दरअसल, खाकी के महाव्रत को लेकर कई माह से सोशल मीडिया पर बनाए जा रहे माहौल की शनिवार को हवा निकल गई। अफसरों की सख्ती के चलते प्रदेश के किसी भी हिस्से से पुलिस कर्मियाें द्वार महाव्रत किए जाने की पुष्टि नहीं हुई। अलबत्ता खुफिया तंत्र भी दिन भर महाव्रत के समर्थकों को ढूंढता रहा। महाव्रत को तोड़ने के लिए थाना, चौकियों की मैस में पुलिसकर्मियों के लिए रोजमर्रा से हटकर खीर, हलवा, मटर पनीर, छोले, मिक्स सब्जी आदि कई तरह के व्यंजन तैयार किए गए थे।
यहां पर पुलिस अधीक्षक नगर प्रदीप राय और सीओ सिटी चंद्रमोहन नेगी ने पुलिस कर्मियाें के साथ भोजन किया। प्रेमनगर में थानाध्यक्ष मुकेश त्यागी ने बड़ा खाना रखा था। यहां भी सीओ सिटी ने पुलिस कर्मियाें के साथ कई तरह के व्यंजनाें का स्वाद लिया। कैंट कोतवाली में भी पुलिस कर्मियाें ने ऐसी ही दावत का आनंद लिया।
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि महाव्रत जैसी घोषणा से पुलिसकर्मियों का कोई लेना देना नहीं था। चंद कर्मियों को शरारती तत्वों ने गुमराह किया था, जिन्हें अब अपनी गलती का अहसास हो गया है।
खाकी के महाव्रत या नी अघोषित विरोध को लेकर 13 और पुलिसकर्मियों पर गाज की तैयारी है। विभिन्न जिलाें के यह पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर महाव्रत प्रचार से जुड़े रहे हैं। इनके खिलाफ अंदरखाने विभागीय कार्रवाई की तैयारी हो रही है, लेकिन अधिकारी कार्रवाई को महाव्रत से जोड़कर चिंगारी को हवा देना नहीं चाहते हैं।