Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 11:09 AM
डेनिम उद्योग का कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद से कमजोर घरेलू मांग और निर्यात संभावना में कमी के कारण इसकी परिचालन क्षमता बंद पड़ी है। सरकार ने 1,000 रुपए तक के ब्रांडेड कपड़ों पर 12 प्रतिशत और इससे कम कीमत वाले कपड़ों पर...
मुम्बई : डेनिम उद्योग का कहना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद से कमजोर घरेलू मांग और निर्यात संभावना में कमी के कारण इसकी परिचालन क्षमता बंद पड़ी है। सरकार ने 1,000 रुपए तक के ब्रांडेड कपड़ों पर 12 प्रतिशत और इससे कम कीमत वाले कपड़ों पर 5 प्रतिशत जी.एस.टी. लगाया है। स्थानीय उपभोक्ताओं और आयातकों के बीच डेनिम की मांग में कमी आई है जिससे विनिर्माताओं को उत्पादन बंद करना पड़ रहा है या फिर वे क्षमता से कम उत्पादन कर रहे हैं यानी कि डेनिम उद्योग पर भी जी.एस.टी. की मार पड़ रही है।
30 से 40 प्रतिशत उत्पादन क्षमता अस्थायी रूप से बंद
डेनिम मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शरद जयपुरिया ने कहा, ‘‘एक जुलाई को जी.एस.टी. लागू होने के बाद से डेनिम उद्योग ने 30 से 40 प्रतिशत उत्पादन क्षमता को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। अगर यही स्थिति बरकरार रही तो फिर उत्पादन में और कटौती हो सकती है।’’ डेनिम फैब्रिक उद्योग पिछले दशक के दौरान 15 प्रतिशत के वाॢषक चक्रवृद्घि दर से बढ़ा। इसकी सालाना स्थापित क्षमता 1.5 अरब मीटर है। इस मामले में केवल चीन ही भारत से आगे है। इसकी सालाना बिक्री 15,000 करोड़ रुपए है और इसमें करीब 4 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है।
उत्पादन में आई भारी गिरावट
भास्कर डेनिम के निदेशक अखिलेश राठी ने कहा, ‘‘नोटबंदी के बाद नकदी संकट और छोटी कम्पनियों के औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने के लिए जी.एस.टी. अपनाने से डेनिम निर्माण के प्रमुख केन्द्रों में उत्पादन में भारी गिरावट आई है। चूंकि 85 प्रतिशत फैब्रिक घरेलू बाजार में बेचा जाता है लेकिन स्थानीय मांग में गिरावट के कारण डेनिम फैब्रिक मिलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।’’
उद्योग को पटरी पर लौटने में लगेगा समय
2012 में देश में डेनिम फैब्रिक मिलों की संख्या 30 थी जो अब 46 हो चुकी है। वर्ष 2012 में डेनिम फैब्रिक उत्पादन क्षमता 80 करोड़ मीटर थी जो अब 1.5 अरब मीटर है। इतना ही नहीं 15 करोड़ मीटर नई क्षमता के विस्तार की योजना है। आर. एंड बी. डेनिम्स के अमित डालमिया के मुताबिक उद्योग को पटरी पर लौटने में अभी समय लगेगा। भारत सालाना 20 करोड़ मीटर डेनिम फैब्रिक का निर्यात करता है। वर्ष 2016-17 में भारत ने 31.6 करोड़ डॉलर का निर्यात किया था जो 2014-15 के 33.5 करोड़ डॉलर की तुलना में 11 प्रतिशत कम है। आशिमा ग्रुप के निदेशक अतुल सिंह कहते हैं कि सरकार को ड्यूटी ड्रॉबैक दरों में तुरंत बढ़ौतरी की घोषणा करनी चाहिए और उद्योग को कुछ और फायदे देने चाहिएं।