Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 10:00 PM
जानकारी के मुताबिक पिछले महीने 350 नवजात बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था उनमें से 55 बच्चों की मौत हो गई। इतना ही नहीं, अगर पिछले 5 महीने की बात करें तो इस अस्पताल में 187 बच्चों की मौत हो चुकी है
नासिकः बीजेपी शासित राज्यों के जिला अस्पताल नवजात बच्चों की कब्रगाह बनते जा रहे हैं। पहले यूपी का गोरखपुर फिर फर्रुखाबाद और महाराष्ट्र के नासिक जिले के जिला अस्पताल में भी बच्चों की मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जानकारी के मुताबिक पिछले महीने 350 नवजात बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था उनमें से 55 बच्चों की मौत हो गई। इतना ही नहीं, अगर पिछले 5 महीने की बात करें तो इस अस्पताल में 187 बच्चों की मौत हो चुकी है।
इस अस्पताल में नासिक समेत आसपास के जिले के बच्चे इलाज के लिए भर्ती कराए जाते हैं। ज्यादातर बच्चे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। इस अस्पताल में सिर्फ 18 वॉर्मर है, परिजनों का आरोप है कि एक वॉर्मर में चार से पांच बच्चों को ठूंस कर रखा जाता है। साथ ही अस्पताल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित अन्य जरूरी चिकित्सा सामान नहीं होने की वजह से बच्चों की जानें जाती हैं।
बच्चों की मौत के मामले में अस्पताल से लेकर सरकार तक दावा कर रही है कि जिन बच्चों की मौत हुई है, वो पहले से ही काफी कमजोर थे और उन्हें दूसरे अस्पताल से यहां लाया गया था। साथ ही सरकार ने दावा किया कि अस्पताल में चिकित्सा के पर्याप्त साधन हैं। नासिक जिला अस्पताल के सर्जन डॉ.विनोद जगदाले के कहा कि, बच्चे कमजोर अवस्था में यहां लाए गए थे। हमने बचाने की कोशिश की।
इस घटना पर कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरुपम का कहना था कि करोड़ों रुपए अपने प्रचार पर मोदी सरकार खर्च करती है लेकिन बच्चों को बुनियादी चिकित्सा सुविधा नहीं मुहैया करा रहे हैं। उधर, एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि इनकी मौत के लिए बीजेपी सरकार जिम्मेदार है और स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। इस पर स्वास्थ्य मंत्री दीपक ने कहा की विपक्ष का काम है इस्तीफा मांगने का लेकिन सरकार स्वास्थ्य विभाग में बहुत अच्छा काम कर रही है।