Edited By ,Updated: 26 Mar, 2017 04:52 PM
पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद से तमिलनाडु और पुदुचेरी में 200 से ज्यादा लोगों और कंपनियों ने अलग-अलग बैंकों में 600 करोड़ रुपए के 500 और 1,000 के चलन से बाहर हो चुके नोटों को जमा किया था।
चेन्नई: पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद से तमिलनाडु और पुदुचेरी में 200 से ज्यादा लोगों और कंपनियों ने अलग-अलग बैंकों में 600 करोड़ रुपए के 500 और 1,000 के चलन से बाहर हो चुके नोटों को जमा किया था। इनमें से ज्यादातर बैंक अकाउंट तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकों में थे तो कुछ चेन्नई में भी थे। नमक्कल जिले में एक शख्स ने अकाउंट में करीब अढ़ाई सौ करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा किए। अब उसे जमा रकम का करीब आधा टैक्स के रूप में चुकाना पड़ेगा। अफसरों ने बताया कि तिरुचेंगोड में एक शख्स ने इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में 246 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा किए थे। इनकम टैक्स विभाग के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि जब हमें पता चला कि तो हमने 15 दिनों तक उसका पीछा किया। उस शख्स ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीजीएमकेवाई ) को अपनाने और कुल रकम का 45 प्रतिशत टैक्स जमा करने की बात मानी।
25 प्रतिशत रकम रहेगी सरकार के पास
पीजीएमकेवाई के तहत 25 प्रतिशत रकम सरकार के पास रहेगी और उस पर ब्याज भी नहीं मिलेगा। इसी तरह के तमाम व्यक्तियों और कंपनियों ने नोटबंदी के बाद बड़ी रकम बैंकों में जमा की। अधिकारी ने बताया कि इनमें से ज्यादातर लोगों ने पीजीएमकेवाई को अपनाया। उन्होंने कहा कि महीने के खत्म होने से पहले आयकर विभाग के पास करीब 1,000 करोड़ रुपए की बेहिसाबी दौलत आने की उम्मीद है। आयकर विभाग लोगों को अब भी समझा रहे हैं कि अगर उन्होंने बैंकों में बेहिसाबी धन जमा किया है तो खुद ही इसका खुलासा करें और वाजिब टैक्स चुकाएं नहीं तो 1 अप्रैल के बाद ऐसे लोगों की मुश्किलें बढऩे वाली है। देशभर में आयकर विभाग को करीब 85 लाख संदिग्ध ट्रांजैक्शंस की जानकारी मिली है।