Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Jan, 2018 12:16 AM
आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश के बीच हरियाणा के चार भाजपा विधायकों की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी चार विधायकों के लाभ के पद होने की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने आप विधायकों...
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश के बीच हरियाणा के चार भाजपा विधायकों की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी चार विधायकों के लाभ के पद होने की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने आप विधायकों की तरह इनकी भी सदस्यता रद्द करने की मांग की है।
एडवोकेट जगमोहन ने कहा, ‘दिल्ली के आप विधायकों की तरह बीजेपी के इन विधायकों ने भी लाभ का पद हासिल किया है। ऐसे में अब इनकी भी सदस्यता समाप्त होनी चाहिए।’ आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछलेे साल खट्टर सरकार ने चार बीजेपी विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जिसे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अमान्य घोषित कर दिया था।
एडवोकेट भट्टी ने कहा, '‘मैं चुनाव आयोग और राज्यपाल को इस संबंध में खत लिखने जा रहा हूं कि इन विधायकों की सदस्यता रद्द की जाए, क्योंकि इन्हें एक मंत्री की सुविधाएं मिलीं। श्याम सिंह राणा, कमल गुप्ता, बख्शीश सिंह विर्क और सीमा त्रिखा को खट्टर सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था।’'
एडवोकेट भट्टी के मुताबिक, हरियाणा सरकार द्वारा फाइल किए गए हलफनामे के मुताबिक संसदीय सचिवों को एक विधायक की तुलना में ज्यादा वेतन और भत्ते दिए गए। इन्हें राज्य की ओर से कार, स्टाफ और आवास भी उपलब्ध कराए गए।
बता दें, इससे पहले साल 2016 में संसदीय सचिव के तौर पर पंजाब के 18 विधायकों की नियुक्ति को भी हाईकोर्ट ने एडवोकेट भट्टी की याचिका पर अमान्य घोषित किया था।