Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Dec, 2017 11:54 PM
4 बच्चों की मां ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे परिवार सेवा क्लीनिक में कराई गई उसकी नसबंदी असफल रहने के मामले में सरकार से मुआवजा मांगा है। नसबंदी असफल रहने के कारण 28 वर्षीय महिला चौथी बार गर्भवती हो गई...
नई दिल्ली: 4 बच्चों की मां ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर दिल्ली सरकार द्वारा चलाए जा रहे परिवार सेवा क्लीनिक में कराई गई उसकी नसबंदी असफल रहने के मामले में सरकार से मुआवजा मांगा है। नसबंदी असफल रहने के कारण 28 वर्षीय महिला चौथी बार गर्भवती हो गई थी।
न्यायमूर्ति विभू बाखरू की अदालत में केंद्र सरकार की परिवार नियोजन क्षतिपूर्ति योजना को लागू करने की मांग करने वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। वकील सिजा नायर पाल के जरिए दायर याचिका के अनुसार, महिला ने पिछले साल 9 अगस्त को नसबंदी कराई थी। याचिका में कहा गया है कि जब मई में वह जांच कराने के लिए क्लीनिक गई तो पता चला कि वह 14 सप्ताह की गर्भवती है।
उसने आरोप लगाया कि क्लीनिक ने उसे इस प्रक्रिया के बारे में नसबंदी कराने से पूर्व और बाद में काऊंसलिंग नहीं दी तथा संभावित खतरों या सर्जरी के बाद की देखभाल या सर्जरी के असफल रहने की आशंका के बारे में जानकारी नहीं दी। याचिकाकत्र्ता के अनुसार केंद्र की योजना के तहत नसबंदी असफल रहने पर 30,000 का मुआवजा दिया जाएगा।