Edited By ,Updated: 26 May, 2016 05:20 PM
दिल्ली के नजफगढ़ में मंगलवार को एयर-एंबुलेंस की क्रैश-लैंडिंग में अपनी सूझबूझ से सभी की जान बचाने वाले अलकैमिस्ट एयरलाइंस के कैप्टन अमित कुमार का कहना है
नई दिल्ली: दिल्ली के नजफगढ़ में मंगलवार को एयर-एंबुलेंस की क्रैश-लैंडिंग में अपनी सूझबूझ से सभी की जान बचाने वाले अलकैमिस्ट एयरलाइंस के कैप्टन अमित कुमार का कहना है कि उन्होनें 15-20 सेकेंड में ही फैसला लिया कि उन्हें क्या करना है। वर्ष 2012 से एयर-एंबुलेंस फ्लाई कर रहे अमित कुमार को करीब 2500 घंटे फ्लाई करने का अनुभव है। वह अलकैमिस्ट से पहले एक कॉर्मिशियल एयरलाइंस में भी काम कर चुके हैं।
खाली जगह पर एमरजेंसी लैंडिग
उन्हाेंने बताया कि जब वे पटना से वीरेन्द्र राय नाम के एक मरीज को लेकर दिल्ली आ रहे थे तो राजधानी से करीब 20 मील की दूरी पर ही उनका एक इंजन फेल हो गया। वे इस इंजन की खराबी के बारे में एटीसी से बात कर ही रहे थे कि दूसरा इंजन भी फेल हो गया। उस वक्त वे दिल्ली एयरपोर्ट से करीब 10-12 किलोमीटर दूर थे। उन्होने फैसला लिया कि विमान काे किसी खाली जगह पर एमरजेंसी लैंडिग की जरूरत है। विमान में उनके अलावा को-पायलट और मरीज सहित कुल सात लोग मौजूद थे।
सूझबूझ से बचाई जान
उन्हाेंने तुरंत सभी को एमरजेंसी लैंडिग की सूचना दी और जब तक विमान खेत में नहीं उतरा अपनी नजर कॉकपिट पर ही रखी। जिस जगह विमान उतरा वहां से नजफगढ़ का कैर गांव बिल्कुल करीब था और महज 100 मीटर पर ही हरियाणा के बहादुरगढ़ (झज्जर जिला) की लक्ष्मी कालोनी थी। लेकिन उन्होंने इस बात को सुनिश्चित किया कि विमान गांव और कालोनी से दूर रहे। विमान के लैंडिग करते ही उन्होनें गांव वालों और पुलिस की मदद से मरीज और बाकी लोगों को अस्पताल पहुंचाया और खुद घटनास्थल पर रहकर डीजीसीए और पुलिस अधिकारियां को जांच में पूरा सहयोग दिया।