Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 01:05 AM
वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने रविवार को कहा है कि सेना के कड़े रुख ने चीनी सेना के साथ डोकलाम गतिरोध सुलझाने में भारतीय कूटनीति की मदद की।
अहमदाबाद: वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने रविवार को कहा है कि सेना के कड़े रुख ने चीनी सेना के साथ डोकलाम गतिरोध सुलझाने में भारतीय कूटनीति की मदद की।
राहा ने कूटनीति को ‘मजबूती’ मुहैया कराने में सेना की भूमिका को रेखांकित करते हुए आशंका जताई कि चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर डोकलाम जैसे घुसपैठ में बढ़ोतरी होगी।
राहा ने स्टेटक्राफ्ट एंड डिप्लोमेसी रोल ऑफ मिलिट्री पावर’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि डोकलाम में कूटनीति की वजह से नहीं बल्कि सेना द्वारा अपने स्थान से नहीं खिसकने और आंखों में आंखे डालकर खड़े रहने की वजह से गतिरोध सुलझा था।
उन्होंने कहा कि सेना के रुख ने कूटनीति को इस मुद्दे को सुलझाने में मदद दी। सेना हमारे लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करता है। राहा को एयर फोर्स एसोसिएशन, गुजरात ने ‘फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह शेखों सालाना व्याख्यान श्रृंखला’ के लिए आमंत्रित किया था।