बाबरी मस्जिद-राम मंदिर का मामला: पुराने अयोध्या विवाद के बीच आंदोलन के नए योद्धाओं से मिलिए

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 04:14 PM

babri masjid ram temple case meet the new warriors in old ayodhya dispute

164 साल पुराने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को करीब 164 बीत चुके हैं। आज से सुप्रीम कोर्ट में  सुनवाई शुरू होने से एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है। 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के 7 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सुनवाई...

नई दिल्लीः 164 साल पुराने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद को करीब 164 बीत चुके हैं। आज से सुप्रीम कोर्ट में  सुनवाई शुरू होने से एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है। 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के 7 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सुनवाई शुरू की है। इस बीच राम मंदिर आंदोलन के लिए भाजपा के वरिषठ सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, आध्यात्मिक नेता श्री श्री रविशंकर और शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख वासीम रिजवी नए पैरोकार के रूप में उभरे हैं, जिनका दावा है कि सभी सबूत, रिपोर्ट और भावनाएं मंदिर के पक्ष में हैं। 
PunjabKesariसुब्रमण्यम स्वामी
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि कि अयोध्या में अगले साल अक्टूबर तक राम मंदिर लगभग बनकर तैयार हो जाए क्योंकि सब कुछ तैयार है और निर्माण कार्य के लिए सारा सामान पहले ही बना लिया गया है। इनको सिर्फ आपस में स्वामी नारायण मंदिर की तरह जोड़ने की जरूरत है।' उनके इस तर्क का प्रमुख आधार वे सबूत हैं, जो 2002-03 में पुरातत्व विभाग की खुदाई में मिले सबूत थे। उस दौरान एक शिलालेख मिला था, जो मंदिर की मौजूदगी का सबसे बड़ा साक्ष्य है। हालांकि कई इतिहासकारों ने इसे नकारते हुए कहा कि इससे मंदिर के अस्तित्व में होने सिद्ध नहीं होता है लेकिन स्वामी ने पहले ही सर्वोच्च न्यायालय में मंदिर की पुनर्निर्माण के लिए अनुमति मांगी है। इसके अलावा स्वामी अदालत के बाहर मुसलमानों से समर्थन जुटाने में जुटाने में लगे हैं कि वे मस्जिद को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट कर दें। 
PunjabKesariश्री श्री रवि शंकर
आर्ट अॉफ लिविंग के संस्थापक ने अक्टूबर में मध्यस्थता की पेशकश की थी लेकिन उनका ये ज्यादा सफल नहीं हो सका था। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने अयोध्या मुद्दे के समाधान में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक श्रीश्री रवि शंकर की मध्यस्थता प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था। साथ ही उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन राम जन्मभूमि न्यास और विश्व हिंदू परिषद ने लड़ा है इसलिए वार्ता का अवसर भी इन दोनों संगठनों को मिलना चाहिए।'
PunjabKesariवसीम रिजवी
यूपी शिया वक्फ बोर्ड ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया थी। शिया वक्फ बोर्ड ने हलफनामे में कहा है कि विवादित जमीन पर राम मंदिर बनना चाहिए और उससे थोड़ी दूर मुस्लिम इलाके में मस्जिद बनाई जानी चाहिए। शिया वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ थी इसलिए इस मामले में दूसरे पक्षकारों के साथ बातचीत और एक शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने का अधिकार केवल उसी के पास है। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद की संपत्ति का दावा करने के पहले यूपी शिया वक्फ बोर्ड 8 अगस्त को विवाद में उछले थे। फैजाबाद में एक सुनवाई अदालत में सुन्नी वक्फ बोर्ड की कानूनी लड़ाई खो जाने के 71 साल बाद यह कदम उठाया गया। बोर्ड अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहना है कि राज्यभर में उसकी 5000 संपत्तियां विवादित हैं। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के करीबी माने जाने वाले रिजवी ने साल 2015 से लगातार चौथी बार बोर्ड अध्यक्ष चुने गए हैं।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!