Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 07:21 PM
उच्चतम न्यायालय ने एक दंपति को तलाक की मंजूरी देते हुए दोनों पर इंटरनेट और सोशल मीडिया समेत किसी भी स्थान पर तथा किसी भी तरह से एक-दूसरे की तस्वीर लगाने से रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तलाक की मंजूरी देते हुए एक...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एक दंपति को तलाक की मंजूरी देते हुए दोनों पर इंटरनेट और सोशल मीडिया समेत किसी भी स्थान पर तथा किसी भी तरह से एक-दूसरे की तस्वीर लगाने से रोक लगा दी। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तलाक की मंजूरी देते हुए एक इंजीनियर को दो महीने के भीतर महिला को 37 लाख रुपये की स्थायी निर्वाह निधि देने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़़ की पीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनीं कि वे झगड़े को खत्म करना चाहते हैं और उनकी शादी खत्म की जाए। इसके बाद पीठ ने यह आदेश दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि न तो पति और न ही पत्नी सोशल मीडिया या ऑनलाइन समेत किसी भी स्थान पर किसी भी तरह से एक-दूसरे की तस्वीर लगाएंगे। महिला ने अपने वकील दुष्यंत पाराशर के जरिए अदालत को बताया कि व्यक्ति को उसकी निर्वाह निधि देने का निर्देश दिया जाए। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में दर्ज दो प्राथमिकियों के कारण चली आपराधिक कार्यवाही को भी रद्द कर दिया। न्यायालय ने कहा कि दोनों पक्षों की तलाक की याचिका का निस्तारण किया जाता है और पति एवं पत्नी एक-दूसरे पर भविष्य में कोई दावा नहीं कर सकते।