Edited By ,Updated: 28 Jan, 2017 01:10 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने कहा कि सैद्धान्तिक रूप से देखा जाए तो नोटबंदी कालाधन समाप्त करने के लिए एक अच्छा कदम था।
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने कहा कि सैद्धान्तिक रूप से देखा जाए तो नोटबंदी कालाधन समाप्त करने के लिए एक अच्छा कदम था लेकिन यदि नतीजों के हिसाब से देखा जाए, तो यह अच्छा साबित नहीं हुआ। जालान ने कहा कि सैद्धान्तिक रूप से नोटबंदी अच्छी थी, किसी को कालेधन को पकड़े जाने पर आपत्ति नहीं है लेकिन यदि आप नतीजों को देखें तो आप देख सकते हैं यह कदम सही साबित नहीं हुआ।
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने नोटबंदी को ‘एक रचनात्मक विध्वंस’ बताया था। उन्होंने इसकी तुलना वर्ष 1991 के सुधारों से की। उन्होंने कहा कि यह वर्ष 1991 के बाद से अब तक का सबसे बड़ा ‘उलटफेर पैदा करने वाला नीतिगत नवप्रवर्तन’ है। इससे कालाधन को नष्ट करने में मदद मिली है। वहीं, नोबेल प्राइज विजेता अर्थशास्त्री अमत्र्य सेन नोटबंदी जैसे निर्णय से खुश नहीं दिखे थे। प्रोफेसर सेन ने सरकार के नोटबंदी के इरादे और अमल पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था यह निरंकुश कार्रवाई जैसी है और सरकार की अधिनायकवाद प्रकृति का खुलासा करती है।