जज्बे को सलाम, ऑटो डाइवर बना पायलट

Edited By ,Updated: 08 Jan, 2017 08:09 PM

hats spirit  making auto driver pilot

कहते हैं हौसले बुलंद और इरादे नेक हों तो, इंसान को मंजिल दिलाने में पूरी कायनात लग जाती है।

नागपुर : कहते हैं हौसले बुलंद और इरादे नेक हों तो, इंसान को मंजिल दिलाने में पूरी कायनात लग जाती है। कुछ ऐसी ही कहानी है नागपुर के श्रीकांत पंटावने की। गरीब चौकीदार के घर में पैदा हुए श्रीकांत बचपन से ही बड़े सपने देखते थे, लेकिन गरीबी उसके सपनों को कुचलने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी। कभी डिलेवरी बॉय, फिर ऑटो चालक का काम कर चुके श्रीकांत को हाल ही में इंडिगो एयरलाइन्स में पायलट नियुक्त किया गया है। गरीब परिवार में पैदा होने की वजह से छोटी सी उम्र में ही श्रीकांत कंधे पर खर्च का बोझ आ गया। इस बीच श्रीकांत का सपना धुंधला होने लगा था। लेकिन उसकी किस्मत ने तब पलटा खाया, जब एक दिन एक सवारी को लेकर वह एयरपोर्ट जा रहा था। उसके ऑटो में भारतीय वायु सेना का एक जवान बैठा था, बातों ही बातों में उसने श्रीकांत को बताया कि पायलट बनने के लिए उसे वायु सेना में रहने की जरूरत नहीं। वायुसेना के कैडट ने उसे डीजीसीए के पायलट स्कॉलरशिप प्रोग्राम के बारे में बताया।

बस फिर क्या था, श्रीकांत के सपने एक बार फिर जाग गए और उसने फिर से अपनी 12वीं की किताबें उठाई और स्कॉलरशिप की तैयारी शुरू कर दी। 12वीं का रिजल्ट आते ही उसने मध्यप्रदेश के एक फ्लाइट स्कूल में दाखिला ले लिया। दोस्तों की मदद से अपनी अंग्रेजी भी सुधारी। श्रीकांत की मेहनत तब रंग लाई, जब वह बेहद अच्छे नंबरों से पास हो गया। इसी के साथ श्रीकांत को कमर्शियल पायलट लाइसैंस भी मिल गया। हाल ही में श्रीकांत को इंडिगो एयरलाइन्स ने उन्हें बतौर पायलट नियुक्त किया है।

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