Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 07:23 PM
तीन तलाक के खिलाफ प्रस्तावित कानून लोकसभा में पास होने के बाद मोदी सरकार अब राज्यसभा में इस बिल को पास करने की कोशिश में है। राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद सरकार की कोशिश रहेगी कि उच्च सदन से भी मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा ये अहम बिन पास हो...
नेशनल डेस्क: तीन तलाक के खिलाफ प्रस्तावित कानून लोकसभा में पास होने के बाद मोदी सरकार अब राज्यसभा में इस बिल को पास करने की कोशिश में है। राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद सरकार की कोशिश रहेगी कि उच्च सदन से भी मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा ये अहम बिन पास हो सके।
वहीं, इस कानून का विरोध करने वाला ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने निकाहनामा में बदलाव की तैयारी कर रहा है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक (एक बार में तीन तलाक) रोकने के लिए ये कदम उठाया है। इसके तहत एक मॉडल निकाहनामा लाया जा रहा है। जिसमें निकाह के दौरान एक बार में तीन तलाक न देने की भी शर्त होगी।
बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलीलुर्रहमान नोमानी ने मीडिया को बताया कि एक मॉडल निकाहनामा लाया जा रहा है। नोमानी ने बताया, ‘इस मॉडल निकाहनामे में एक कॉलम और जोड़ा जाएगा। इस कॉलम में लिखा होगा कि मैं तीन तलाक नहीं दूंगा।’
शादी के बाद पति नहीं दे पाएगा तलाक
निकाह के दौरान ही इस कॉलम को टिक किया जाएगा और निकाहनामा पर दूल्हे के दस्तखत से इसकी पुष्टि कराई जाएगी। पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक, एक बार इस कॉलम पर टिक होने के बाद पुरुष अपनी बीवी को तीन तलाक नहीं दे पाएगा। यानी एक बार में तीन तलाक बोलकर कोई भी पुरुष अपनी बीवी को तलाक देने का हकदार नहीं होगा और अगर वो ऐसा करता है तो तलाक नहीं माना जाएगा। बोर्ड के प्रवक्ता नोमानी ने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक के सख्त खिलाफ है। लेकिन कुछ परिस्थिति में इसे मान्यता दी गई है। कई मामले ऐसे होते हैं जिसनें महिलाएं खुद तीन तलाक की अपील करती हैं।