Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 12:16 PM
पूर्व प्र्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाये गए आरोपों को लेकर जारी गतिरोध के कारण आज राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर...
नई दिल्ली: पूर्व प्र्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगाये गए आरोपों को लेकर जारी गतिरोध के कारण आज राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेज सदन पटल पर रखे जाने के बाद सभापति एम. वेंकैया नायडु ने शून्यकाल शुरू करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के विरुद्ध की गई टिप्पणी पर बना गतिरोध दूर नहीं हुआ है।सभापति ने गतिरोध दूर करने के लिए एक समिति बनाई थी जिसकी अब तक मात्र एक बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि जब तक गतिरोध दूर नहीं हो जाता सदन की कार्यवाही नहीं शुरू की जानी चाहिये। कार्यवाही कम से कम अपराह्न 2.30 बजे तक स्थगित की जानी चाहिए और उसके बाद सदस्यों के गैर-सरकारी कार्य किये जाने चाहिए।
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि गतिरोध दूर करने के लिए बनायी गई समिति की अब तक दो-तीन बैठकें हो चुकी है और गतिरोध को दूर करने की कोशिश जारी है। इसके मद्देनजर सदन चलने दिया जाना चाहिए क्योंकि गतिरोध का कोई न कोई समाधान निकल आयेगा। इसके बाद भी श्री आजाद और कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा गतिरोध दूर होने तक कार्यवाही नहीं चलने देने की बात पर अड़े रहे। इस बीच कांग्रेस के कई सदस्य भी अपनी सीटों पर खड़े होकर बोलने लगे। इस पर श्री नायडु ने कहा कि गुरुवार को सचिन तेंदुलकर को भी बोलने नहीं दिया गया था। यह सही नहीं है। सदन को चलने दिया जाना चाहिये।
शून्यकाल के लिए कई सदस्यों के नोटिस मिले हैं। उन्हें अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद नबी और शर्मा गतिरोध दूर होने तक कार्यवाही स्थगित रखने पर अड़े रहे जिसके कारण नायडु ने सदन की र्कायवाही बुधवार 27 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सोमवार और मंगलवार को अवकाश है। उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र में छह कार्य दिवसों में अब तक एक ही दिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चली है और उस दिन दो विधेयक पारित किये गये थे। शेष सभी दिन शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया है।