Edited By ,Updated: 05 Apr, 2017 02:18 PM
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे लोकपाल को लेकर एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में हैं। इस बार उनके निशाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार है।.....
नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे लोकपाल को लेकर एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में हैं। इस बार उनके निशाने पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार है। अन्ना ने मोदी सरकार पर लोकपाल कानून लागू नहीं करवा पाने व लोगों का भरोसा तोडऩे का आरोप लगाया। एक इंटरव्यू दौरान उन्होंने कहा कि वे लोकपाल के लिए मोदी सरकार के खिलाफ दिल्ली के रामलीला मैदान में सत्याग्रह करेंगे, इससे पहले 2011 में वे मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सत्याग्रह करने की यह बात पिछले कुछ दिनों से उनके दिमाग में है। उन्होंने इस संबंधी प्रधानमंत्री को पत्र भी लिका कि क्यों सरकार लोकपाल बिल को पास नहीं कर रही? मोदी सरकार जब सत्ता में आई तो उन्हें भरोसा था कि ये सरकार लोकपाल नियुक्त करेगी, लेकिन पिछले 3 सालों में यह अब तक नहीं किया गया।
2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले किया था संघर्ष
अन्ना हजारे सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर 2011 में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले दिल्ली में बड़ा आंदोलन किया। उनके भूख हड़ताल और आंदोलन की वजह से तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ देशभर में लोगों का गुस्सा सडकों पर नजर आया था। बाद में केजरीवाल द्वारा राजनीतिक पार्टी बनाने के बाद वे उनसे अलग हो गए और स्वतंत्र रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में अपनी बात रखते रहे हैं.