तीन तलाक : PM मोदी ने कहा, कष्ट में मुस्लिम महिलाएं, मिले न्याय

Edited By ,Updated: 16 Apr, 2017 08:25 PM

muslim women in tribulation pm modi

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तीन तलाक के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाआें का शोषण बंद होना चाहिए और उनके साथ न्याय...

भुवनेश्वर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तीन तलाक के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाआें का शोषण बंद होना चाहिए और उनके साथ न्याय होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने हालांकि इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम समुदाय में टकराव की स्थिति नहीं पैदा होने पर जोर दिया और सुझाव दिया कि इससे सामाजिक जागरूकता के माध्यम से निपटा जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कोई सामाजिक बुराई है तो समाज को जागना चाहिए और न्याय प्रदान करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मुस्लिम महिलाआें को शोषण का सामना नहीं करना चाहिए। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम समुदाय में टकराव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वह केवल सामाजिक न्याय की बात कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि हमारी मुस्लिम बहनों को न्याय मिलना चाहिए। उनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। किसी का शोषण नहीं होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संवाददाताआें से कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उनके बीच टकराव पैदा नहीं करना चाहते। हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम समुदाय के भीतर टकराव की स्थिति बने। हमें समाज को जागृत करना है और उन्हें न्याय दिलाने की दिशा में प्रयाय करना है। गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह भावना है।

ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म करने से किया इनकार
बहरहाल, ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म करने से इनकार करते हुए इस सिलसिले में एक आचार संहिता जारी करके शरई कारणों के बगैर तीन तलाक देने वाले मर्दों के सामाजिक बहिष्कार की अपील की है। 

बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने संस्था की कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताआें से कहा कि इस्लामी शरीयत में मर्द और औरत दोनों को बराबर के अधिकार दिए गए हैं और महिलाआें को वे हुकूक दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने एक सवाल पर कहा कि बोर्ड किसी व्यक्ति द्वारा एक ही बार में तीन तलाक देने की स्थिति में तलाक मुक्क़मल होने की व्यवस्था पर कायम है लेकिन बोर्ड ने फैसला किया है कि अगर कोई शख्स किसी शरई वजह के बगैर अपनी बीवी को तीन तलाक देता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाए। 

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