Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Aug, 2017 01:00 AM
बिहार में नीतीश कुमार के अचानक आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन से अलग होने पर विपक्ष धराशाई हो गया है
नई दिल्ली: बिहार में नीतीश कुमार के अचानक आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन से अलग होने पर विपक्ष धराशाई हो गया है। अब विपक्ष की एकता को बनाए रखने के लिए विपक्षी दल आक्रामक तरीके से आगे नहीं बढ़ेगा। 12 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों की बैठक में ज्यादातर क्षेत्रीय दलों की भी यही राय थी। कांग्रेस भी इस राय से सहमत है। तय रणनीति के अनुसार, अगले कुछ महीने तक विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार पर हमला करेंगे। संयुक्त मोर्चा बनाने जैसी संभावना पर अभी अमल नहीं करने का फैसला लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, ऐसा करने के पीछे बिहार में जो हुआ, उसका डर भी है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, अगर अभी कोई विपक्षी मोर्चा बनता है तो उसे तोड़ने की पूरी कोशिश हो सकती है। ऐसे में जोखिम लेना ठीक नहीं है। तय हुआ है कि 12 अगस्त की बैठक में अभी सभी विपक्षी दल अपने-अपने संगठन को मजबूत करने के अलावा विभिन्न मुद्दों पर एक साथ रहेंगे। लेकिन कोई कॉमन मोर्चा नहीं बनेगा।
इन्होंने 2004 की मिसाल दी, जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव से पहले सभी क्षेत्रीय दलों से अलग-अलग बात की और चुनाव से ठीक पहले एक बड़ा मोर्चा बनाने में सफलता पाई थी। हालांकि, इस बार इसके पीछे नेतृत्व का अभाव भी है। सूत्रों के अनुसार, तमाम क्षेत्रीय दल कांग्रेस के अंदर नेतृत्व संकट को विपक्षी एकता की सबसे बड़ी बाधा बता रहे हैं। कांग्रेस में अगले कुछ महीने में संगठनात्मक चुनाव होना है, जिसके बाद नए अध्यक्ष का भी चयन होगा। उसके बाद ही उम्मीद है कि इस दिशा में दोबारा नए सिरे से पहल हो।
गौरतलब है कि आरजेडी सुप्रीमो की ओर से पटना में 27 अगस्त को बुलाई जा रही विपक्ष की संयुक्त रैली में मायावती आने उम्मीद कम जताई जा रही है। ।सूत्रों के मुताबिक, बीएसपी की ओर से पार्टी के सीनियर नेता सतीश चंद्र मिश्र जा सकते हैं। पहले मायावती ने भी जाने की घोषणा की थी। हालांकि ममता बनर्जी ने कहा है कि वह जा रही हैं। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी को बुलाने की कोशिश हो रही है। अखिलेश यादव के भी रैली में शामिल होने की संभावना है। वहीं, लालू प्रसाद ने दावा किया था कि इसी रैली में मायावती और अखिलेश यादव बीजेपी के खिलाफ एक मंच पर साथ आने का औपचारिक घोषणा कर सकते हैं।