मोदी मैजिक-पाक के खिलाफ इस सख्त फैसले को तैयार चीन !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 12:17 PM

pakistan rejected the brics declaration

ब्रिक्स घोषणा पत्र से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है...

इस्लामाबादः ब्रिक्स घोषणा पत्र से पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिलाया हुआ है। इसे प्रधानमंत्री मोदी का जादू ही कहा जाएगा कि  आतंकवाद को पनाहगाह देने के मुद्दे पर वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़े पाक के सबसे करीबी दोस्त चीन ने भी उसका साथ छोड़ने का मन बना लिया है। ब्रिक्स घोषणा पत्र में पाकिस्तानी आतंकियों का नाम शामिल किया गया, जिसका चीन समेत सभी सदस्य देशों को समर्थन किया है। चीन के पीछे हटने से पाक की मुसीबतें बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं। 
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ब्रिक्स घोषणा पत्र में  कहा गया कि आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने, आतंकवाद प्रयोजित करने और समर्थन करने वालों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। आतंकवाद से लड़ना किसी भी राष्ट्र का अहम कर्तव्य है। हालांकि पाकिस्तान ने सफाई दी कि उसकी धरती पर आतंकियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। हालांकि इस घोषणा पत्र में सीधे तौर पर उसका नाम नहीं शामिल किया गया है, ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आतंकवाद के खिलाफ ब्रिक्स घोषणा पत्र से पाकिस्तान इतना बुरी तरह से क्यों तिलमिलाया  हुआ है?

उसकी बौखलाहट से साफ है कि पाकिस्तान इस बात को मानता हैकि ब्रिक्स घोषणा पत्र उसके खिलाफ है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने इस घोषणा पत्र को खारिज किया है। मालूम हो कि चीन में आयोजित ब्रिक्स समिट के दोनों दिन पीएम मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया, जबकि सम्मेलन शुरू होने से पहले चीन ने कहा था कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर जिक्र नहीं होगा, लेकिन पीएम मोदी के सामने चीन की एक न चली। इसके अलावा अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी आतंकवाद पनाह देने को लेकर   पाकिस्तान और अमरीका के रिश्तों में भी दरार आ गई है।  वैश्विक मंच पर पाकिस्तान का लगातार अलग-थलग पड़ना भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है । 

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