NIA को मिले आतंकवादियों को पाकिस्तान प्रायोजित वित्तीय मदद के सबूत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 May, 2017 09:14 PM

pakistan sponsored financial aid to terrorists met nia

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से मिल रही वित्तीय मदद के...

नई दिल्ली : भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को पाकिस्तान से मिल रही वित्तीय मदद के पुख्ता सबूतों के हवाले से इस तंत्र के मूल में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के होने का दावा किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) को इस सिलसिले में कश्मीर के अलगाववादी गुटों के सक्रिय कार्यकर्ताओं से पूछताछ में इसकी पुष्टि हुई है।

पाकिस्तान से ईमेल के जरिये भेजा जा रहा  ब्यौरा NIA के हाथ लगा
सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी और अलगाववादी गुटों को मिल रही वित्तीय मदद का पाकिस्तान से ईमेल के जरिये भेजा जा रहा  ब्यौरा  एनआईए के हाथ लगा है। पकड़े गए ईमेल संदेशों से साफ है कि कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा हवाला के जरिए आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन को वित्तीय मदद मिल रही है। इसमें पता चला है कि हवाला से कश्मीर में भेजे जाने वाली वित्तीय मदद कहां और किस मद में खर्च की जानी है, इसका भी पूरा हिसाब रखा जाता है।

जरूरत के मुताबिक की जाती है पैसे की मांग
 वित्तीय मदद मुहैया कराने की इस व्यवस्था के तहत अलागाववादी संगठनों की आेर से पाकिस्तान में सक्रिय संगठनों से जरूरत के मुताबिक पैसे की मांग की जाती है। पकड़े गए ईमेल संदेश में अलगावादी गुटों द्वारा आईएसआई को इलाके में संगठन के लिए काम करने वाले विवाहित और अविवाहित कार्यकर्ताओं की संख्या  , फरार और जेल में बंद आतंकवादियों की सूची और इनके परिजनों का  ब्यौरा  दिया गया है।

पैसे लेने के लिए आतंकियों की संख्या, शिक्षा और उम्र का  ब्यौरा देते हैं आईएसआई को
इतना ही नहीं मांगी गई राशि की आईएसआई से मंजूरी लेने के लिए कश्मीर में सक्रिय संगठनों को प्रत्येक इलाके में अलगाववादियों और आतंकवादियों की संया, शिक्षा और उम्र का भी  ब्यौरा देना होता है। एक अन्य ईमेल संदेश में आईएसआई द्वारा कश्मीर में सक्रिय 30 विवाहित आतंकवादियों को प्रति व्यक्ति दस हजार रुपए की दर से 3 लाख रुपए की राशि जारी करने की मंजूरी दी गई है जबकि 37 अविवाहित आतंकवादियों को 2.96 लाख रुपए जारी करते हुए प्रति व्यक्ति 8 हजार रुपए और फरार 23 आतंकवादियों के परिजनों को एक एक हजार रुपए मंजूर किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक अलगाववादियों को हवाला के जरिए दी जा रही वित्तीय मदद पर भारतीय जांच एजेंसियों की सख्ती के मद्देनजर अब सक्रिय गुटों को श्रीनगर और आसपास के इलाकों में संपत्ति के कारोबार में निवेश करने के निर्देश मिलने का भी खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद एनआईए ने कश्मीर में अलगावादियों के संपत्ति में निवेश की पड़ताल शुरू कर दी है। 

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