Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 11:51 AM
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने द्विपक्षीय सहयोग और भारत के विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) से इतर 8 देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक...
न्यूयॉर्क: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने द्विपक्षीय सहयोग और भारत के विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) से इतर 8 देशों के अपने समकक्षों के साथ बैठक में मेक्सिको, नॉर्वे, बेल्जियम, ट्यूनीशिया, बहरीन, लातविया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और डेनमार्क के विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत की। बातचीत मुख्य रूप से द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित थी। बैठक के दौरान सुषमा ने ट्यूनीशिया के विदेश मंत्री खेमेइस झिनाओई से कहा कि वे 30 और 31 अक्तूबर को नई दिल्ली में दोनों देशों के बीच होने वाली संयुक्त आयोग की अगली बैठक का इंतजार कर रही हैं।
उन्होंने आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भविष्य में फार्मा, कपड़ा, बायो टेक्नॉलजी, रिन्यूएबल एनर्जी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में सहयोग करने पर चर्चा की। उन्होंने डेनमार्क के विदेश मंत्री एंडर्स सैमुअलसन के साथ मुलाकात में अगले संयुक्त आयोग की बैठक की तारीख तय करने बारे बातचीत दौरान डेनमार्क को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। गौरतलब है कि डेनमार्क नवंबर के पहले हफ्ते में होने जा रहे ‘वर्ल्ड फूड इंडिया एक्स्ट्रावेगेंजा’ में साझेदार देश है।
सुषमा की लातविया के विदेश मंत्री एडगर्स रिनकेविक्स के साथ बैठक में व्यापार संबंधों के विस्तार पर चर्चा की गई। लातविया के विदेश मंत्री ने घोषणा की है कि उनके प्रधानमंत्री इस साल के अंत में होने वाले विश्व खाद्य सम्मेलन के लिए भारत जाएंगे। भारत के रणनीतिक साझेदार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नहयान के साथ बातचीत में दोनों नेताओं ने यूएई से और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत में लाने के प्रयासों पर बात की। भारत और यूएई के बीच 52.8 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है।
फिलीस्तीन को समर्थन भारत की विदेश नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा
भारत ने फिलीस्तीन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि फिलीस्तीन की जनता के साथ नई दिल्ली की एकजुटता को कभी कमतर नहीं आंका जा सकता। सुषमा स्वराज ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नैम) की मंत्रीस्तरीय बैठक में कहा कि फिलीस्तीन को समर्थन भारत की विदेश नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा की फिलीस्तीन का भारत को समर्थन ऐतिहासिक है जो हमारी अपनी आजादी से पहले के समय से है।स्वतंत्र भारत के लिए फिलीस्तीन मकसद को समर्थन विदेश नीति का महत्वपूर्ण बिंदु रहा है। सुषमा ने कहा कि नैम कमिटी का भारत के लिए हमेशा एक विशेष स्थान रहेगा क्योंकि 1983 में भारत के नैम की अध्यक्षता संभालते हुए इस समिति की स्थापना की गई थी।