गो हत्या रोकने के लिए स्वामी का बड़ा कदम, सजा-ए-मौत का विधेयक किया पेश

Edited By ,Updated: 24 Mar, 2017 06:02 PM

swami big step to stop killing death sentence introduced

एक ओर जहां उत्तर प्रदेश में बूचडख़ानों और गो हत्या करने वालों पर कार्रवाई चल रही है।

नई दिल्ली: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश में बूचडख़ानों और गो हत्या करने वालों पर कार्रवाई चल रही है। वहीं दूसरी ओर गायों की संख्या का स्थिरीकरण सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण सृजित करने और गौ हत्या के मामले में मौत की सजा के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उच्च सदन में गौ संरक्षण विधेयक, 2017 पेश किया। इस विधेयक में गायों की संख्या का स्थिरीकरण सुनिश्चित करने और गौहत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए संविधान के अनुच्छेदों 37 और 48 का अनुपालन सुझाने के लिए एक प्राधिकरण सृजित करने का भी प्रावधान किया गया है।

नरेश गुजराल ने भी पेश किया बिल
शिअद नेता नरेश गुजराल ने संसद विधेयक, उत्पादकता में वृद्धि 2017 पेश किया, इस विधेयक में संसद में व्यवधान के कारण उत्पादकता में आई कमी पर विधिक ढांचे के माध्यम से रोक लगाने और उसका समाधान खोजने की बात की गई। नरेश गुजराल के इस निजी विधेयक में एक साल में संसद के सत्रों के दिवसों की न्यूनतम संख्या तय करने, मौजूदा 3 सत्रों के अतिरिक्त विशेष सत्र शुरू करने, व्यवधान के दौरान बर्बाद समय की क्षतिपूर्ति किए जाने पर भी बल दिया गया है। 

पेश हुए कई अन्य बिल
राज्यसभा में भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता हैै। इसके तहत कुल 6 निजी विधेयक पेश किए गए। स्वामी और गुजराल के अलावा राकांपा की वंदना चव्हाण, तृणमूल कांग्रेस के कंवर दीप सिंह, कांग्रेस के पलवई गोवर्धन रेड्डी और भाजपा के प्रभात झा ने भी एक एक निजी विधेयक पेश किएै। वंदना चव्हाण ने शिक्षा संबंधी विशेष नि: शक्तता से ग्रस्त बालक (पहचान एवं शिक्षा में सहायता) विधेयक, 2016 पेश किया वहीं कंवर दीप सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विग्यान संस्थान संशोधन विधेयक, 2016 पेश किया।

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