Edited By ,Updated: 28 Jun, 2016 02:44 PM
पाम्पोर में शहीद हुए जवानों ने शहादत से पहले आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला किया। हेडकांस्टेबल वीर सिंह...
श्रीनगर : पाम्पोर में शहीद हुए जवानों ने शहादत से पहले आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला किया। हेडकांस्टेबल वीर सिंह, सतीश चंद्र और कैलाश यादव ने घायलावस्था में भी आतंकियों पर फायरिंग जारी रखी। वीर सिंह को सात गोलियां लग चुकी थीं। सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल दुर्गा प्रसाद ने बताया कि आतंकी बस से करीब 100 मीटर की दूरी पर थे। उन्होंने बस पर ग्रेनेड फेंकने की भी कोशिश की। आतंकी जब बस में घुसने की कोशिश कर रहे थे तभी इन तीनों जवानों ने बहादुरी दिखाते हुए इन्हें न तो बस में घुसने दिया और न ही आगे बढऩे दिया।
दुर्गा प्रसाद ने बताया कि अगर ये तीनों जवान वीरता न दिखाते तो आतंकी कई और लोगों की जान ले सकते थे। सात गोलियां लगने के बावजूद वीर सिंह बहादुरी से आतंकियों से लड़ता रहा। महज एक मिनट में सीआरपीएफ के जवानों ने 100 मीटर दूर खड़े आतंकियों पर 500 गोलियां फायर की। वीर सिंह ने एके-47 से 39, सतीश चंद्र ने 32 और कैलाश यादव ने 20 राउंड गोलियां आतंकियों पर फायर की।