OBC आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले संविधान संशोधन को लोकसभा की मंजूरी

Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Apr, 2017 07:38 PM

the national commission for backward classes repeal bill

लोकसभा ने आज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से जुड़े संविधान (123वें संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। अब इसे संविधान का 102वां संशोधन (Section 102) के रूप में जाना जाएगा....

नई दिल्ली: लोकसभा ने आज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने से जुड़े संविधान (123वें संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी। सरकार ने इस मौके पर विभिन्न दलों की आशंकाआें को दूर करते हुए आश्वस्त किया कि राज्यों के अधिकारों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। सदन ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (निरसन) विधेयक, 2017 को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी और संविधान (123वां संशोधन) विधेयक 2017 को मत-विभाजन के जरिए 2 के मुकाबले 360 मतों से पारित कर दिया। अब इसे संविधान का 102वां संशोधन (Section 102) के रूप में जाना जाएगा। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि आेबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग लंबे समय से थी जिसे हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा किया है। सरकार ने एेतिहासिक निर्णय किया है।  

राज्यों के आयोगों के अधिकार बरकरार रहेंगे
राज्यों में पिछड़ा वर्गों को चिह्नित करने के राज्यों के अधिकार समाप्त होने संबंधी बीजद सांसद भर्तृहरि महताब, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी समेत कुछ विपक्षी सदस्यों की आशंकाआें को दूर करते हुए गहलोत ने कहा, ‘मैं आश्वस्त करता हूं कि राज्यों के आयोगों के अधिकार बरकरार रहेंगे। हम उनमें कोई हस्तक्षेप नहीं करने वाले। उन्हें कमजोर करने की हमारी कोई मंशा नहीं है और आगे भी एेसा कोई विचार हम नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा कि संविधान के तहत राज्यपाल राज्य सरकार से परामर्श लेकर भारत सरकार से कोई सिफारिश करते हैं और हम एेसे किसी भी परामर्श के बाद देखेंगे कि राज्य सरकार की सहमति उसमें है या नहीं। राज्य की सहमति के बाद ही विचार करेंगे। 

खडग़े ने सरकार पर साधा निशाना
इस बीच सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि सरकार परामर्श (कंसल्ट) की बात कर रही है लेकिन कंसल्ट और कंसेन्ट (सहमति) में बहुत अंतर होता है। खडग़े ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अंतत: आप जो चाहते हैं, वही होता है। राज्यों के अधिकार आप छीन रहे हैं। इसलिए हमारा अनुरोध है कि इस विधेयक में एेसा नहीं होना चाहिए। खडग़े की आशंका के जवाब में गहलोत ने कहा, ‘‘हमारे पास राज्य सरकार का ही निर्णय आएगा। एेसा ही अनुसूचित जाति आयोग और अनुसूचित जनजाति आयोग में भी होता है।’ मंत्री ने यह भी कहा कि आयोग के 5 सदस्यों में एक महिला सदस्य होगी। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!