Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Dec, 2017 09:41 AM
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ट्रिपल तलाक खत्म करने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी। सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को लाएगी। ये कानून सिर्फ तीन तलाक पर ही लागू होगा। इस कानून...
नई दिल्लीः इसी शीतकालीन सत्र में ट्रिपल तलाक पर मोदी सरकार कानून बना सकती है। सरकार ने इसी आशय से विधेयक का मसौदा शुक्रवार को राज्य सरकारों को उनकी राय के लिए भेजा है। साथ ही कहा है कि इस मामले में अपनी राय जल्द से जल्द केंद्र सरकार को भेजें।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ट्रिपल तलाक खत्म करने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी। सरकार ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से इस विधेयक को लाएगी। ये कानून सिर्फ तीन तलाक पर ही लागू होगा। इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा।
इसके बाद से किसी भी स्वरूप में दिया गया तीन तलाक चाहें मौखिक हो, लिखित और या फिर मैसेज में, अवैध होगा। इतना ही नही जो तीन तलाक देगा, उसको तीन साल की सजा और जुर्माना हो सकता है। इसमें मजिस्ट्रेट तय करेगा कि कितना जुर्माना होगा।
इसके अलावा अगर किसी महिला को तीन तलाक दिया जाता है तो वह महिला खुद अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए मजिस्ट्रेट से भरण-पोषण और गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है। कितना गुजारा भत्ता देना है, उसकी राशि मजिस्ट्रेट तय करेगा। महिला अपने नाबालिग बच्चों की कस्टडी के लिए भी मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकती है।
बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए एक मंत्री समूह बनाया था, जिसमें राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, रविशंकर प्रसाद, पीपी चौधरी और जितेंद्र सिंह शामिल थे।