Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 11:49 PM
ट्रंप के इस फैसले से अमरीका में रहे करीब 7 हजार भारतीयों पर असर पड़ा है, जिनके पास सही दस्तावेज नहीं है
वॉशिंगटनः राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को ऐम्नेस्टी कार्यक्रम को रद्द कर दिया जिसके तहत अवैध तौर पर अमेरिका आए प्रवासियों को रोजगार के लिये वर्क परमिट दिया जाता था। ट्रंप के इस फैसले से अमरीका में रहे करीब 7 हजार भारतीयों पर असर पड़ा है, जिनके पास सही दस्तावेज नहीं है। इसके अलावा पूरे अमरीका में 8 लाख कामगारों पर असर प्रभावित होंगे।
अमेरिकी अटॉर्नी जनरल जेफ सेशंस ने कहा, 'मैं आज यहां यह घोषणा करता हूं कि डिफर्ड ऐक्शन फॉर चिल्ड्रन अराइवल (DACA) नामक कार्यक्रम जो ओबामा प्रशासन में प्रभाव में आया था, उसे रद्द किया जाता है।' बता दें कि DACA के तहत बिना उचित दस्तावेज के बचपन में देश में आए प्रवासियों को वापस भेजने से बचाने का प्रावधान किया गया था।
डीएसीए के तहत तकरीबन 8 लाख लोगों को प्रत्यर्पण से सुरक्षा प्राप्त है। प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष और सत्तारूढ़ रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ नेता पॉल रेयॉन ने एक साक्षात्कार में कहा, 'ट्रंप को डीएसीए को निरस्त नहीं करना चाहिए क्योंकि ये बच्चे अमरीका छोड़ किसी और देश को नहीं जानते। यह ऐसा मसला है जिसे कांग्रेस को तय करना चाहिए।' डेमोक्रेटिक पार्टी की नैंसी पेलोसी ने ट्रंप की योजना की आलोचना करते हुए कहा कि देशभक्त और साहसी युवाओं को प्रत्यर्पित करना देश और अर्थव्यवस्था के लिए विनाशकारी होगा।
बाता दें, एप्पल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने डीएसीए पर ट्रंप के रुख की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'एप्पल के हमारे 250 कर्मचारी ड्रीमर्स हैं। मैं उनके साथ हूं। वे समान सम्मान के हकदार हैं। इस समस्या का समाधान अमरीकी मूल्यों के मुताबिक होना चाहिए।' माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ भारतीय मूल के सत्या नडेला ने भी ट्रंप की योजना की आलोचना की है। एक आंकड़े के मुताबिक इस योजना को समाप्त करने से अमरीकी अर्थव्यवस्था को 200 अरब डॉलर (तकरीबन 13 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान होने की आशंका है।