Edited By ,Updated: 26 Feb, 2015 06:03 PM
यात्रीगण कृप्या ध्यान दें, मारुति एक्सप्रैस 2 घंटे में एयरटेल पहुंचने वाली है। अगर आपको स्टेशन पर ऐसी ही अनाउंसमेंट सुनने को मिले तो चौंकिएगा नहीं,
नई दिल्ली: यात्रीगण कृप्या ध्यान दें, मारुति एक्सप्रैस 2 घंटे में एयरटेल पहुंचने वाली है। अगर आपको स्टेशन पर ऐसी ही अनाउंसमेंट सुनने को मिले तो चौंकिएगा नहीं, क्योंकि आने वाले दिनों में आपको ऐसी ही अनाउंसमेंट सुनने को मिल सकती है। दरअसल, सरकार गाडिय़ों के नाम कंपनियों के ब्रांड के नाम से रखने की तैयारी में है।
यानि अगले कुछ दिनों में ट्रेनों के नाम कुछ इस तरह भी हो सकते हैं- मारुति एक्सप्रैस, रिलायंस राजधानी एक्सप्रैस, पेप्सी राजधानी, कोका कोला शताब्दी, लाइफबॉय गरीब रथ और सैमसंग सुपर फास्ट। बताया जाता है कि इन कंपनियों से प्राप्त धन रेलवे की परियोजनाओं को पूरा करने में लगाया जाएगा।
दरअसल, रेलवे की वित्तीय हालत सुधारने के लिए बनाई गई मित्तल कमिटी ने अपने 76 पन्नों की रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि ट्रेनों के नाम के साथ ब्रांड के नाम लगाकर रेलवे काफी धन इकठ्ठा कर सकती है। इस कमिटी ने कुछ दिनों पहले ही अपनी रिपोर्ट दी है। एक वेबसाइट के मुताबिक यह सुझाव कमिटी द्वारा दिए गए दर्जनों सुझाव में से एक है।
वहीं आपको बता दें कि अगले पांच साल में हाई स्पीड ट्रेनों के लिए 65 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य के पूरा करने के लिए रेलवे इन कपंनियों का सहारा ले सकती है।