नहीं आ सकती रेल, गुमराह न करो ‘नेताओं’

Edited By ,Updated: 27 Feb, 2015 03:57 AM

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पिछले लम्बे अर्से से रेल बजट को लेकर फतेहाबाद में बहस छिड़ जाती है कि इस बार फतेहाबाद तक रेल की सिटी बज जाएगी लेकिन हर बार की तरह....

फतेहाबाद (पंकेस): पिछले लम्बे अर्से से रेल बजट को लेकर फतेहाबाद में बहस छिड़ जाती है कि इस बार फतेहाबाद तक रेल की सिटी बज जाएगी लेकिन हर बार की तरह वायदे, खाली रह गए और जनता ठगी की ठगी रह गई। फतेहाबाद को रेल से जोडऩे का सिलसिला भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार से शुरू हुआ और 10 साल तक कांग्रेसियों ने भी फतेहाबाद को रेल से जोडऩे का जिक्र अपने हर रेल बजट में किया और बेचारी जनता से धन्यवाद तक के कार्यक्रम करवाए।

जब इस बार के रेल बजट में भी फतेहाबाद में रेल की सिटी बजने का ऐलान नहीं हुआ तो जनता अब यह जानना चाहती है अगर रेल नहीं आ सकती तो जनता को गुमराह क्यों करते हो। इस बारे में जब फतेहाबाद निवासी देवेंद्र सिंह, लवप्रीत सिंह, राकेश कुमार, सुरेश कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि नेताओं के वायदों से जनता दुखी है और अगर फतेहाबाद में रेल नहीं आ सकती तो नेता जनता से वायदे न करें।

फतेहाबाद की जनता को कबसे मिल रहे हैं खाली वायदे
अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा नीत सरकार के जब प्रधानमंत्री स्वयं फतेहाबाद के दौरे पर आए थे तो उन्होंने एक विशाल जनसभा में लोगों को रेल से जोडऩे का आश्वासन दिया था। इसके बाद तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रशाद यादव अग्रोहा में अग्रवाल सम्मेलन में पहुंचे तो संबोधन के दौरान उन्होंने भी अग्रोहा से फतेहाबाद रेल लाने हेतु हरी झंडी दिखाकर रेल से जोडऩे का वायदा किया।

तत्कालीन सांसद ने इसकी खूब वाहवाही लूटी। इसके बाद जब यू.पी.ए.-2 के सांसद डा. अशोक तंवर ने भी रेल बजट में फतेहाबाद में सिटी बजवाने का दावा किया लेकिन 3 साल निरीक्षणों में ही बीत गए और रेल की सिटी फतेहाबाद तक नहीं बज पाई। हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनावों में भी रेल लाने के लिए सभी पार्टियों ने धड़ाधड़ वायदे किए, लेकिन रेल तो आना दूर की बात है रेल बजट में फतेहाबाद का जिक्र तक होना सभी वायदों को धोकर रख गया।

जुमलों पर आधारित है रेल बजट : तंवर
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर ने केंद्र की भाजपा सरकार के रेल बजट को जुमलों पर आधारित रेल बजट करार दिया है और इसे देश व प्रदेश के लिए निराशाजनक बताया है। डा. तंवर ने यह बात बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कही। डा. तंवर ने भाजपा के बजट की पूर्व की यू.पी.ए. सरकार के रेल बजट से तुलना करते हुए कहा कि एक वह दौर था, जब रेल मंत्री के बजट में दर्जनों नई ट्रेन, रेलवे आधारित कारखाने, नई परियोजनाओं के सर्वेक्षण व नए रेल लिंक (विशेषकर हिसार से सिरसा वाया अग्रोहा-फतेहाबाद, हांसी से रोहतक, दिल्ली से मेवात, चंडीगढ़ से यमुनानगर आदि) को मंजूरी प्रदान करते थे लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार के बजट ने हरियाणा की जनता को निराश किया है। साथ ही पिछले रेल बजट में आर्थिक सामाजिक और रक्षा सहित अन्य चीजों को तवज्जो दी जाती थी ताकि देश की रीढ़ की हड्डी मजबूत हो लेकिन इस बजट ने उस रीढ़ को भी तोडऩे का काम किया है।

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