Edited By ,Updated: 01 Mar, 2015 09:17 PM
कंपनियों का चालू वित्त वर्ष का समाज कल्याण या सीएसआर खर्च का ब्योरा 2015 के अंत से मिलना शुरू होगा।
नई दिल्ली: कंपनियों का चालू वित्त वर्ष का समाज कल्याण या सीएसआर खर्च का ब्योरा 2015 के अंत से मिलना शुरू होगा। सरकार ने कहा है कि कंपनियां इस बारे में अनिवार्य खुलासा उस समय करना शुरू करेंगी।
कंपनी कानून, 2013 के तहत कुछ निश्चित वर्ग की मुनाफा कमाने वाली इकाइयों के लिए अपने तीन सालाना के लाभ के औसत का दो प्रतिशत कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों पर खर्च करना अनिवार्य है। ये नियम पिछले साल एक अप्रैल से प्रभाव में आए हैं।
कारपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेतली ने कल संसद को सूचित किया कि सीएसआर नीति के क्रियान्वयन की निगरानी की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी के निदेशक मंडल की है। उन्होंने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि कंपनियों द्वारा सीएसआर पर किए गए खर्च का ब्योरा इस साल अंत तक कंपनियों द्वारा अनिवार्य खुलासा किए जाने के बाद होगा।