गैंग रेप के आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2015 09:34 PM

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मार्च 2008 में कांगड़ा में हुए गैंग रेप के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

ज्वालामुखी: मार्च 2008 में कांगड़ा में हुए गैंग रेप के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दोनों आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। सरकार की तरफ से यह याचिका अधिवक्ता डीके ठाकुर के माध्यम से दायर की गई है।

सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुएअधिवक्ता डीके ठाकुर ने बताया कि दुष्कर्म में शामिल दोनों आरोपियों को सैशन जज कांगड़ा (धर्मशाला) ने 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में उच्च न्यायालय ने आरोपियों की अपील को स्वीकार करते हुए उन्हें इस दलील पर बरी कर दिया कि सब कुछ पीडि़त महिला की सहमति से हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता डीके ठाकुर ने प्रदेश सरकार का पक्ष रखते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उच्च न्यायालय के फैसले में पीडि़त महिला के बयान को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने बताया कि कानून के अनुसार गैंग रेप की पीडि़त के बयान को ही सही माना जाता है। इस मामले में दर्जी ने पीडि़त महिला के पक्ष में बयान भी दिया है।  

बैजनाथ निवासी महिला से हुआ था गैंग रेप
वर्ष 2008 में बैजनाथ निवासी महिला जब कांगड़ा मंदिर में माथा टेकने के बाद सड़क पर बस का इंतजार कर रही थी तो बिलासपुर के 2 आरोपियों ने कार में महिला का अपरहरण कर लिया तथा कार में ही उसके साथ गैंग रेप किया। आरोपियों ने जब थुरल गांव में कार रोकी तो पीडि़त महिला ने किसी तरह अपनी जान बचाई और एक स्थानीय दर्जी के पास शरण ली। बाद में महिला की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

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