मुफ्ती को छूट मिले तो हो सकता है 'कश्मीर' का हल: शरद

Edited By ,Updated: 19 Apr, 2015 10:34 PM

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जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने रविवार को कहा कि यदि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को खुली छूट दी जाए तो वह लंबे समय से चले आ रहे कश्मीर मुद्दे का हल करने में सफल होंगे।

जम्मू : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष शरद यादव ने रविवार को कहा कि यदि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को खुली छूट दी जाए तो वह लंबे समय से चले आ रहे कश्मीर मुद्दे का हल करने में सफल होंगे।


अपने पूर्व जनता दल सहयोगी सईद से कल यहां भोजन पर मुलाकात कर चुके यादव ने कहा कि पीडीपी नेता राष्ट्रवादी हैं जो इस देश के लिये जिये हैं और इस देश के लिये ही मरेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं मुफ्ती मोहम्मद सईद को लंबे वक्त से व्यक्तिगत रूप से जानता हूं, वह योग्य व्यक्ति हैं और मुझे विश्वास है कि यदि उन्हें काम करने की पूरी छूट दी जाए तो वह इस (कश्मीर) समस्या का हल ढूढ लेंगे।’ यादव ने कहा कि इस भेंट के दौरान राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई।


वह सईद के न्यौते पर कल यहां आए थे । सईद की पार्टी जम्मू कश्मीर में भाजपा के साथ सरकार में है। दोनों नेताओं के बीच भेंट ऐसे समय पर हुई है जब जनता परिवार के विभिन्न धड़ों का आपस में विलय हुआ है। दोनों नेता 1989 में जनता दल सरकार में मंत्री थे।
यादव ने कहा, ‘यह भेंट काफी पहले ही होनी थी अतएव मैंने तय किया कि संसद सत्र शुरू होने से पहले मैं उनसे मिल लूं। हम केंद्रीय मंत्रिमंडल में साथ रहे और मैं उन्हें अच्छी तरह जानता हूं। यह बस गैर राजनीतिक भेंट थी जहां हमने राजनीति को छोड़कर बाकी सबकुछ पर चर्चा की।’


यादव ने कहा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा एक ऐसा मंच है जो लंबे समय से आ रही हर समस्या के लिए हल प्रदान करता है और कश्मीर मुद्दा भी उसी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के ढांचे में हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार सभी अंदरूनी पक्षों के साथ सतत एवं सार्थक वार्ता का मार्ग प्रशस्त करेगी जिनमें सभी राजनीतिक संगठन आएंगे, उनकी विचारधारा एवं झुकाव चाहे कुछ भी हों।


उन्होंने कहा कि एक के बाद एक कर आयी सरकारें अलगाववादी संगठनों से निबटती रही हैं। यादव ने कहा, ‘जब मैं राजग सरकार में मंत्री था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इंसानियत, कश्मीरियत और जम्हूरियत की भावना से हुर्रियत कांफ्रेंस समेत सभी राजनीतिक संगठनों से वार्ता प्रक्रिया शुरू की थी।’ उन्होंने कहा, ‘वार्ता से जम्मू कश्मीर के सभी लंबित मुद्दों के हल के लिए व्यापक आधार वाली आम सहमति कायम करने में मदद मिलेगी। ये सारी बातें वर्तमान जम्मू कश्मीर सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम में लिखी हैं।’


उन्होंने कहा, ‘देश अतीत में बुरी से बुरी स्थिति देख चुका है। पूर्वोत्तर में समस्या, पंजाब में समस्या और कई अन्य समस्याएं, जो हमने आजादी के समय से झेली हैं और वे सारी लोकतांत्रिक ढांचे में हल हुईं और मुझे पूरा विश्वास है कि यदि मुफ्ती को अपने तरीके से काम करने की छूट मिलती है तो वह भी कश्मीर समस्या का हल ढूंढ लेंगे।’ उससे पहले यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि जम्मू कश्मीर की राजनीतिक स्थिति जटिल है और 1947 से ही ऐसी है।


उन्होंने कहा, ‘लेकिन असंतोष समय समय पर घटता बढ़ता रहा और उसके ऐतिहासिक कारण भी हैं। राज्य के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए अतीत में एक के बाद एक कर सरकारों ने प्रयास किए गए और वर्तमान सरकार भी ऐसी कोशिश कर रही है।’
 

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