Edited By ,Updated: 05 Sep, 2015 03:33 PM
भाई-बहन का प्यार कितना गहरा होता है एक बार फिर देखने को मिला। एक छोटी आदिवासी बच्ची ने अपने भाई के इलाज की खातिर उसे कंधे पर बिठाकर 8 किमी का सफर तय किया।
नई दिल्ली: भाई-बहन का प्यार कितना गहरा होता है एक बार फिर देखने को मिला। एक छोटी आदिवासी बच्ची ने अपने भाई के इलाज की खातिर उसे कंधे पर बिठाकर 8 किमी का सफर तय किया। खेलने-खाने की उम्र में इस मासूम बच्ची को हर कोई सलाम कर रहा है। दरअसल, मालती टुडु अपनी नानी के साथ गोड्डा के सुंदरपहाड़ी ब्लॉक के चंदना गावं में रहती है।
मां-बाप को खो चुकी मालती का अपने भाई के सिवा कोई नहीं है। कई दिनों से उसका भाई माइकल तेज बुखार में तप रहा था। इलाज कराने की खातिर वह उसे अपने कंधे प बिठाकर सुंदरपहाडी हॉस्पिटल पहुंची। चंदना गांव से सुंदरपहाड़ी करीब 8 किमी दूर है।
वहां से डॉक्टरों ने उसे गोड्डा सदर हॉस्पिटल जाने की सलाह दी। गोड्डा लाने में उसकी मदद एक सामाजिक कार्यकर्ता मनोज भगत ने की। मालती जिस क्षेत्र से आती है, वह इलाका झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का है। सरकार के साथ-साथ कई नामी-गिरामी कंपनियां और हृत्रह्र वहां वेलफेयर ट्रस्ट चलाते हैं। ऐसे में जहां मालती प्रकरण मानवता की मिसाल है।