Edited By ,Updated: 30 Apr, 2016 12:36 PM
सुप्रीम कोर्ट ने डीजल कारों के मुद्दे पर सुनवाई करते दिल्ली-एनसीआर में 1 मई से डीजल टैक्सियों पर रोक लगा दी है
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने डीजल कारों के मुद्दे पर सुनवाई करते दिल्ली-एनसीआर में 1 मई से डीजल टैक्सियों पर रोक लगा दी है और सात ही कहा है कि 2 हजार सीसी इंजन की गाड़ी होने पर 30 प्रतिशत ग्रीन टैक्स देना होगा। हालांकि, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 190 स्पेशल डीजल गाडिय़ां खरीदने की छूट दी है।
दरअसल, इससे पहले टैक्सी मालिकों ने कहा था कि उनके पास ऐसी कोई टेक्नोलॉजी नहीं है जिससे डीजल कारों को सीएनजी में बदला जा सके। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टैक्सी मालिकों से कहा कि डीजल कारों को सीएनजी में बदलने की समय सीमा और नहीं बढ़ाई जा सकती। इसको लेकर काफी समय दे दिया गया है। अब आपको कानून के हिसाब से ही काम करना चाहिए।
वहीं, हैवी इंडस्ट्री मिनिस्ट्री डीजल कारों की बिक्री पर बैन का विरोध कर रही है। मिनिस्ट्री का कहना है कि बड़ी डीजल कारों और एसयूवी की बिक्री पर रोक लगाने से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की ग्रोथ पर असर पड़ेगा। ‘मेक इन इंडिया’ कैंपेन लांच करने के बाद से देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर में 5,094 मिलियन डॉलर एफडीआई आया है। ये देश में कुल एक्साइज ड्यूटी का 18 प्रतिशत है।