Edited By ,Updated: 20 Jan, 2017 12:11 PM
वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) व्यवस्था में मुश्किलों को कम करने के लिए केन्द्र और राज्यों में दंड के प्रावधानों को नरम करने पर सहमति बनी है।
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) व्यवस्था में मुश्किलों को कम करने के लिए केन्द्र और राज्यों में दंड के प्रावधानों को नरम करने पर सहमति बनी है। इससे किसी व्यापारी द्वारा की गई 2 करोड़ रुपए तक की कर चोरी में तत्काल जमानत मिल सकेगी।
जी.एस.टी. परिषद की पिछली बैठक में फैसला किया गया कि गिरफ्तारी का प्रावधान सिर्फ जालसाजी तथा जुटाए गए कर को सरकारी खजाने में निर्धारित समय में जमा नहीं करवाने पर ही लागू होगा। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसे मामले जिनमें कर चोरी 2 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है उनमें जी.एस.टी. कानून के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार व्यक्ति को तत्काल जमानत मिल सकेगी। उसने कहा कि जी.एस.टी. में दंड के प्रावधान भारतीय दंड संहिता (आई.पी.सी.) में इसी तरह के अपराधों के प्रावधान से नरम होंगे। आई.पी.सी. 1860 के तहत जालसाजी और धोखाधड़ी गैर-जमानती अपराध हैं।