Edited By ,Updated: 18 Feb, 2017 10:54 AM
जनसूचना अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई.) के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए जवाब से आर.टी.आई...
नई दिल्ली: जनसूचना अधिकार अधिनियम (आर.टी.आई.) के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिए गए जवाब से आर.टी.आई. एक्टिविस्ट सतपाल गोयल हैरान व परेशान हैं। उन्होंने 13 दिसंबर 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक के पास आर.टी.आई. के तहत लगाए आवेदन में पूछा था कि रिजर्व बैंक ने 2000 तथा 500 के नए नोटों की छपाई का कार्य कब से शुरू किया था।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को देशभर में नोटबंदी को लागू करते हुए 500 व 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद कर दिया था। आर.टी.आई. एक्टिविस्ट गोयल के आवेदन को केंद्रीय जनसूचना अधिकारी ने 12 जनवरी 2017 को जवाब देने के लिए ट्रांसफर कर दिया था। रिजर्व बैंक द्वारा जवाब में बताया गया कि 2000 रुपए के नए नोट की छपाई का कार्य बी.आर.बी.एन. एम.पी.एल. में 22 अगस्त 2016 को शुरू हुआ था, जबकि 500 रुपए के नए नोट की छपाई का पहला चरण बी.आर.बी.एन. एम.पी.एल. में 23 नवंबर 2016 को शुरू हुआ था।
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट गोयल ने कहा कि अगर 2000 के नए नोट की छपाई का कार्य 22 अगस्त को शुरू हुआ था तो फिर उस पर नए गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर कैसे आ गए? उन्होंने कहा कि उर्जित पटेल ने तो गवर्नर के तौर पर अपना चार्ज 6 सितम्बर 2016 को संभाला था। चार्ज संभालने से पहले गवर्नर के हस्ताक्षर नए नोटों पर नहीं आ सकते। अगस्त मध्य में तो गवर्नर का पदभार रघुराजन के हाथों में था।