PM मोदी के इन कामों के मुरीद हुए बिल गेट्स

Edited By ,Updated: 26 Apr, 2017 11:43 AM

bill gates praised pm modi over sanitation campaign

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से पद संभाला है तभी से लगातार उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से पद संभाला है तभी से लगातार उनके प्रशंसकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। देश ही नहीं विदेश में भी लोग उनके फैन हो रहे है। लोग प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश की भलाई के लिए किए गए कामो की खूब प्रशंसा करते हैं। अब इस फेहरिस्त में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का नाम भी जुड गया है। गेट्स ने एक बार फिर पी.एम. मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक ने एक ब्लॉग में प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता और खुले में शौच को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की है।

जमकर की पी.एम. की तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ करते हुए गेट्स ने कहा कि, पी.एम. ने जन स्वास्थय को लेकर काफी कारगर कदम उठाए हैं और इसका काफी असर दिखने लगा है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने अपने पहले स्वतंत्रता दिवस के सम्बोधन में भी इसके बारे में कहा था। बिल गेट्स ने एक ब्लॉग में लिखा, 'करीब 3 साल पहले भारत के प्रधानमंत्री ने जन स्वास्थ्य को लेकर ऐसी साहसिक बातें कही, जो हमने आज तक किसी निर्वाचित सदस्यों के मुंह से नहीं सुनी हैं। उनके इस बात का असर भी पड़ता दिख रहा है।' उन्होंने ब्लॉग में लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने केवल भाषण ही नहीं दिया है बल्कि देश को स्वच्छ बनाने के लिए कदम भी उठाए हैं। बता दें कि, पी.एम. मोदी ने लगातार स्वच्छता के मुद्दे पर काम किया है। उन्हें कई बार स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोगों को अवगत करते हुए देखा गया है। पी.एम. मोदी के नेतृत्व में लगातार खुले में शौच को खत्म करने को लेकर तेज अभियान छेड़ा है। देश के कई गांव में घरों में शौचालय बनाए गए हैं।

लिखे पी.एम. मोदी के भाषण के कुछ अंश
बिल गेट्स ने अपने ब्लॉग में पी.एम. मोदी के भाषण के कुछ मुख्य अंशों का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, 'हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। क्या हमें कभी इस बात को लेकर तकलीफ महसूस हुई कि हमारी माताएं और बहनें खुले में शौच करने को मजबूर हैं? गांव की गरीब महिलाएं रात के अंधेरे का इंतजार करती हैं ताकि वे शौच के लिए जा सकें। इसका उनके शरीर पर क्या असर पड़ेगा, कितनी बीमारियों का उनको खतरा है। क्या हम अपनी मां और बहनों की मर्यादा को ध्यान में रखकर उनके लिए शौचालय नहीं बना सकते हैं।'

पी.एम. मोदी के प्रयास हुए सफल
पी.एम. मोदी के प्रयासों की सफलता का वर्णन करते हुए वह लिखते है कि 2014 में जब स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत हुई थी, उस समय सिर्फ 42 फीसदी भारतीय लोगों को ही उचित स्वच्छता उपलब्ध थी। लेकिन आज के समय 63 फीसदी लोगों को इसका फायदा मिल रहा है। वहीं, 2 अक्टूबर, 2019 तक इस लक्षय को पूरा करने के लिए सरकार के पास एक विस्तृत योजना भी तैयार है।

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